लखनऊ: महिला के साथ कथित यौन उत्पीडन मामले में उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ FIR दर्ज करने के सुप्रीम कोर्ट के शुक्रवार के आदेश के बाद गायत्री ने इसे खुद के खिलाफ राजनीतिक साजिश करार दिया। प्रजापति ने कहा, ‘मेरी छवि बिगाडने के लिए बीजेपी के इशारे पर यह राजनीतिक साजिश है।’ उनकी दलील है कि वह आरोप लगाने वाली महिला को नहीं जानते। उन्होंने कहा कि हालांकि शीर्ष अदालत के आदेश का वह सम्मान करेंगे।
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अमेठी से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हैं प्रजापति
प्रजापति को सत्ताधारी समाजवादी पार्टी ने अमेठी से फिर उम्मीदवार बनाया है, जहां पांचवें चरण के तहत 27 फरवरी को मतदान होना है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस को निर्देश दिया है कि वह आठ सप्ताह के भीतर मामले की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करें।पढ़ें: SC ने गैंगरेप केस में गायत्री प्रजापति के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया
मंत्री पर महिला ने लगाए थे गंभीर आरोप
प्रजापति पर 35 वर्षीय महिला का आरोप है कि जब वह उनसे 3 साल पहले मिली थी तो उन्होंने उसके साथ बलात्कार किया। गायत्री ने पीडिता के कुछ आपत्तिजनक फोटो भी लिए और धमकी दी कि वह इन फोटो को सार्वजनिक कर देंगे। इस धमकी के दम पर वह 2 साल तक बलात्कार करते रहे। महिला का आरोप है कि सपा में महत्वपूर्ण पद दिलाने के नाम पर उसके साथ प्रजापति और अन्य लोगों ने 2 वर्ष तक लगातार बलात्कार किया।
पुलिस दर्ज नहीं कर रही थी FIR, महिला ने ली कोर्ट की शरण
उत्तर प्रदेश पुलिस के एफआईआर दर्ज नहीं करने पर महिला ने शीर्ष अदालत की शरण ली। जिसके बाद शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने गायत्री प्रजापति के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया।
बीजेपी की मांग, युवती को तत्काल सुरक्षा मुहैया कराई जाए
इस बीच बीजेपी के प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक ने कहा, ‘पार्टी पूरी गम्भीरता के साथ यह मांग करती है कि गायत्री प्रजापति पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली युवती को तत्काल सुरक्षा मुहैया कराई जाए। इसके पीछे उनकी दलील थी कि सपा विधायक अरूण वर्मा पर भी इसी तरह के आरोप लगे थे और बाद में पीड़ित युवती की हत्या हो गई थी।’