लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने आज सपा मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अपने पिता मुलायम सिंह यादव और चाचा शिवपाल यादव के साथ तो पारिवारिक गठबंधन निभा नहीं पा रहे हैं और भाजपा विरोधी राजनीतिक गठबंधन बनाने की बात कह रहे हैं। भाजपा प्रवक्ता (उत्तर प्रदेश) चंद्रमोहन ने कहा, ''जिन व्यक्तियों ने उन्हें (अखिलेश) पाल-पोसकर राजनीति में खड़ा किया, उन्हीं से अखिलेश को खतरा हो गया है। इस सोच के चलते वह किसी अन्य दल से गठबंधन कैसे कर पाएंगे?''
उन्होंने कहा कि आज अखिलेश की राजनीति में जो हैसियत है, वह उनके पिता और चाचा की बदौलत ही है जिन्होंने सपा की स्थापना कर उसे आगे बढ़ाया। प्रवक्ता ने कहा कि अखिलेश ने पहले तो अपने पिता से पार्टी का नेतृत्व छीना और अब उनकी घोर उपेक्षा भी कर रहे हैं। अपने पुत्र की कारगुजारियों से बेहद दुखी होकर मुलायम को सार्वजनिक मंच से कहना पड़ा कि आज उनका कोई सम्मान नहीं करता, शायद मरने के बाद करे। उन्होंने कहा कि इस बयान से ही साबित हो जाता है कि मुलायम किस पीड़ा से गुजर रहे हैं। मुलायम ही अखिलेश को राजनीति में लाए थे और पार्टी में तमाम बड़े नेताओं को किनारे करके मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया था।
चंद्रमोहन ने कहा कि भाजपा विरोधी गठबंधन करने के लिए अखिलेख ने बसपा सुप्रीमो के सामने समर्पण कर दिया है। बसपा के शासनकाल में मुख्यमंत्री रहीं मायावती ने सपा समर्थकों पर काफी जुल्म ढहाए थे। इसी जुल्म का विरोध करने के लिए मुलायम को सपा कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर उतरना पड़ा था। अखिलेश ने भी अपने मुख्यमंत्रित्वकाल के दौरान अपनी कथित नाकामियों का ठीकरा मायावती की सरकार पर ही फोड़ा था।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि आज अखिलेश अपने पिता और चाचा को हाशिए पर धकेलकर मायावती के सामने हाथ जोड़कर खड़े हैं। इसके बावजूद मायावती अखिलेश को गंभीरता से नहीं ले रही हैं। खुद वह अपने बयान में अखिलेश को राजनीतिक रूप से अपरिपक्व कह चुकी हैं।