बिजनौर (उत्तर प्रदेश): बिजनौर के अमानगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में वन विभाग ने ई-वेस्ट से लदे दो महेन्द्रा पिकअप वाहन पकड़े हैं। हालांकि, इन्हें लाने वाले लोग विभाग की टीम को चकमा देकर भागने में कामयाब हो गए। दरअसल, अमानगढ़ टाइगर रिजर्व वन क्षेत्र में कई दिनों से ई-कचरा (ई-वेस्ट) जलाकर रिजर्व फॉरेस्ट इलाके का वातावरण प्रदूषित किया जा रहा था। वन विभाग की टीम को कुछ स्थानों पर लगातार सामान जलाए जाने के निशान मिल रहे थे, जिसके बाद से वन विभाग अलर्ट था।
इसी बीच शुक्रवार शाम को जब आरोपी ई-वेस्ट जलाने वन क्षेत्र में पहुंचे तो वन अधिकारियों ने उन्हें ट्रेक किया। लेकिन, वन विभाग की टीम मौके पर थोड़ी देर से पहुंची। टीम के पहुंचने से पहले ही आरोपी मौके पर ई-वेस्ट से लदे दो महेन्द्रा पिकअप वाहन छोड़कर फरार हो गए। अधिकारियों ने ई-वेस्ट लदी दोनों गाडियों को सीज कर लिया है तथा अज्ञात लोगों के खिलाफ वन अधिनियमों के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
बिजनौर जिले के DFO डॉ एम. सैमरन ने बताया कि 'ई-वेस्ट जलाने वाले लोग कहां के हैं, ये पता लगाया जा रहा है। आसपास के कस्बों के बड़े-बड़े कबाडिय़ों से पूछताछ की जाएगी।' बताया जा रहा है कि मोबाइल, टीवी, खिलोने, कम्प्यूटर पार्ट्स बनाने वाली दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड की फैक्ट्रियों से बिजनौर के कुछ बड़े ठेकेदार गहरी खाई में डम्प करने के लिए ई-वेस्ट लेते हैं लेकिन डम्प करने की जगह वह ई-वेस्ट से गोल्ड, सिल्वर, ब्रास और कॉपर निकालने के लिए जलवाते हैं।
ई-वेस्ट को जलाने से हानिकारक प्रदूषण फैलता है। इसलिए यह सूनसान जंगलों में लाकर इसमें आग लगाते हैं, जिससे जंगलों में आग लगने का खतरा तो बढ़ता ही है, साथ ही साथ जंगली जीवों को भी नुकसान पहुंचता है। वन विभाग को मौके से अधजला और बिना जला ई-वेस्ट मिला है। बिना जला ई-वेस्ट दो वाहनों में लदा था, जिन्हें सीज कर दिया गया है। रेंजर राकेश कुमार शर्मा ने बताया कि अमानगढ़ टाइगर रेंज मे कुछ स्थानों पर लगातार कुछ संदिग्ध सामान जलाने के निशान मिल रहे थे, जिसकी जानकारी करने और वन अपराध रोकने के उद्देश्य से रोज रात को गश्त की जा रही थी।
उन्होंने बताया कि शुक्रवार की देर रात वन दरोगा भोपाल सिंह, जगत सिंह राणा, वन रक्षक मजरूल हसन, बीट प्रभारी जय सिंह और वॉचर सनी कुमार रेंज में गश्त कर रहे थें। इसी दौरान रेंज गूजरगेट के निकट जसपुर मौजा बीट संख्या-6 में आग की लपटें उठती देखी गईं। आग की लपटें देखकर पेट्रोलिंग टीम मौके पर पहुंची तो वहां ई-वेस्ट से भरे दो वाहन खड़े मिले और कुछ लोग ई-वेस्ट जलाते हुए मिले, जो विभाग की टीम को देखकर अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से भाग खड़े हुए।
रेंजर राकेश कुमार ने बताया कि मौके से मिले अधजले ई-वेस्ट और वाहनों में लदे ई-वेस्ट के 100 कट्टों को कब्जे में लेकर अज्ञात लोगों के खिलाफ वन अधिनियम 1927 की धारा 26 एवं वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 2, 9, 39, 52 क में अभियोग पंजीकृत करते हुए कार्रवाई की जा रही हैं।