लखनऊ: कानपुर एनकाउंटर में शहीद हुए पुलिसकर्मियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उनकी बड़ी हीं निर्दयता से हत्या किया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्र को पकड़ कर उनका सर गोलियों से उड़ा दिया और उनका पैर कुल्हाड़ी से काटा गया। वहीं सिपाही जितेंद्र पर AK-47 से वार किया गया। सब इंस्पेक्टर अनूप कुमार को 7 गोलियां मारी गईं जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
वहीं बबलू कुमार को .315 बोर की रायफल से माथे और सीने पर गोली मारी गई, सिपाही राहुल को .315 बोर की रायफल से 4 गोलियां मारी गई तो सिपाही सुल्तान को .315 बोर की रायफल से 5 गोलियां मारी गई। सब इंस्पेक्टर नेबु लाल के शरीर से 4 बुलेट मिले और सब इंस्पेक्टर महेश कुमार यादव को 5 गोलियां मारी गई।
डॉक्टरों के अनुसार ज्यादातर गोलियां शरीर के पार हो गईं। तीन पुलिसकर्मियों के शरीर में गोलियों के टुकड़े जरूर मिले जो हड्डियों से टकराने से कई टुकड़ों में बंट गए। गोलियां रायफल की बताई जा रही हैं। पोस्टमार्टम के दौरान मिले गोलियों के टुकड़ों को परीक्षण के लिए भेजा जाएगा।
इस बीच पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद फरार विकास दुबे की तलाश बड़ी ही सरगर्मी के साथ की जा रही है। आशंका यह भी जताई जा रही है कि विकास दुबे सुरक्षित स्थान तलाशने को लेकर नेपाल भाग चुका है। ऐसे में नेपाल की सीमाओं पर विकास दुबे के पोस्टर चस्पा कर दिए गए हैं ताकि कोई भी व्यक्ति अगर उसे देखे तो पहचान कर पुलिस को सूचित कर सके।
वहीं सीमा पर तैनात एसएसबी के जवान हर आने जाने वालों के ऊपर विशेष निगरानी बनाए हुए हैं। जो भी वाहन इधर से उधर जा रहे हैं उनकी सघनता से तलाशी की जा रही है। बहराइच के रुपईडीहा और लखीमपुर के गौरीफंटा सीमा पर विकास दूबे के पोस्टर चस्पा किये गए हैं। एसएसबी और पुलिस के जवान लगातार निगरानी बनाये हुए हैं।