लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार की जांच एजेंसियों का दावा है कि हाथरस केस के बहाने राज्य में जातीय दंगे कराने की बड़ी साजिश रची गई थी। ये दंगे दुनिया भर में मोदी और योगी को बदनाम कराने के लिए कराए जाने थे और इसके लिए रातों-रात वेबसाइट भी बना ली गई थी। वेबसाइट में फर्जी आईडी से हजारों लोगों को जोड़ा गया था। जांच एजेंसियों का दावा है कि सीएए उपद्रव के दौरान हिंसा में शामिल रहे पीएफआई और एसडीपीआई जैसे संगठनों ने बेवसाइट तैयार कराने में अहम भूमिका निभाई और इस्लामिक देशों से जमकर फंडिंग हुई। वेबसाइट के जरिए मदद के बहाने दंगों के लिए फंडिंग की गई।
जानकारी के मुताबिक मोदी और योगी की छवि ख़राब करने के लिए जस्टिस फार हाथरस नाम से रातों रात वेबसाइट तैयार हुई और इस वेबसाइट में फ़र्ज़ी आईडी से हज़ारों लोगों को जोड़ा गया। बेवसाइट देश और प्रदेश में दंगे कराने और दंगों के बाद बचने के तरीके के बारे में बताया गया। वेबसाइट में चेहरे पर मास्क लगाकर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को विरोध प्रदर्शन की आड़ में निशाना बनाने की रणनीति के बारे में बताया गया।
उधर, सीएम योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा है। देश भर में जारी विरोध-प्रदर्शन के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि 'जिसे विकास अच्छा नहीं लग रहा, वे लोग देश में और प्रदेश में भी जातीय दंगा, सांप्रदायिक दंगा भड़काना चाहते हैं, इस दंगे की आड़ में विकास रुकेगा। इस दंगे की आड़ में उनकी रोटियां सेंकने के लिए उनको अवसर मिलेगा, इसलिए नए-नए षड्यंत्र करते रहते हैं।'
बता दें कि, उत्तर प्रदेश के हाथरस में कथित गैंगरेप व हत्या की घटना के खिलाफ जहां पूरे देश भर में विरोध-प्रदर्शन जारी है वहीं इस मामले में राजनीति भी जोर पकड़ रही है। बीते दिनों कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने हाथरस का दौरा किया और वहां पीड़ित परिवार से मुलाकात की। विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विपक्ष हाथरस मामले को लेकर जातीय तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहा है। उन्हें ये विकास अच्छा नहीं लग रहा है इसलिए वे जातीय व सांप्रदायिक दंगा भड़काना चाहता है। इस दंगे की आड़ में उन्हें अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने का अवसर मिलेगा। लेकिन उनके इन षड़यंत्रों से आगाह होते हुए हमें विकास की इस प्रक्रिया को तेजी के साथ आगे बढ़ाना होगा।