कोई मंत्री या अधिकारी क्यों नहीं रहना चाहता 6 कालीदास मार्ग में?
बीते 20 साल का इतिहास गवाह है कि इस बंगले में जो भी रहा, उसका करियर या तो खत्म हो गया, या फिर उसकी जिंदगी पर आफत आ गई। ऐसे कई नाम हैं जो यहां रहने के बाद परेशानियों में ऐसा फंसे कि फिर बाहर निकल ना सके।
नीरा यादव
एक समय नीरा यादव उत्तर प्रदेश की सबसे ताकतवर आईएएस अधिकारी हुआ करती थीं। मुलायम के मुख्यमंत्रित्व काल में वो 6 कालीदास मार्ग में रहने आईँ और यहीं से उनका बुरा दौर शुरु हो गया। नोएडा प्लॉट आवंटन घोटाले में उनका नाम आया और इस मामले में उनको जेल भी जाना पड़ा।
प्रदीप शुक्ला
IAS प्रदीप शुक्ला इस बंगले में प्रमुख सचिव (समाज कल्याण) के तौर पर रहने आए, यहीं रहते हुए उनका नाम NRHM घोटाले में उछला और दामन पर दाग लगे।
अमर सिंह
इनके आज के हालात किसी से छुपे नहीं हैं। कभी यूपी की सबसे शक्तिशाली शख्सियतों में शुमार अमर सिंह ने 2003 में 6, कालीदास मार्ग रहने के लिए चुना और तभी से उनके बुरे दौर की ऐसी शुरुआत हुई कि आज तक जारी है।
बाबू सिंह कुशवाहा
मायावती के शासनकाल में बसपा के सबसे दिग्गज नेता और मंत्री। मायावती ने इनको स्वास्थ्य मंत्रालय का जिम्मा सौंपा था लेकिन 6 कालीदास मार्ग ने इनकी भी बलि ले ली। मायाराज के आखिरी महीनों में NRHM में इनका भी नाम उछला और इन्होंने भी जेलयात्रा की।
वकार अहमद शाह
मायावती के बाद जब अखिलेश यादव सीएम बने तो उन्होंने डॉ वकार अहमद शाह को अपने बराबर में घर दिया। लेकिन इस बंगले में रहते हुए डॉ साहब ऐसे बीमार हुए कि पिछले कई साल से बिस्तर पर ही हैं।
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