लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गुरुवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर 'रावण' को समय से पहले रिहा करने का फैसला किया है। चंद्रशेखर 2017 में सहारनपुर में हुई जातीय हिंसा के मामले में मुख्य आरोपी है। रावण को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत आरोप लगे थे और वह बीते 16 महीनों से जेल में बंद थे। चंद्रशेखर की रिहाई के लिए उनकी मां ने कई बार गुहार लगाई थी, जिसके बाद सरकार ने यह फैसला किया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, चंद्रशेखर के साथ बंद दो अन्य आरोपियों सोनू पुत्र नथीराम और शिवकुमार पुत्र रामदास निवासी शब्बीरपुर को भी रिहा करने का फैसला किया गया है। चंद्रशेखर उर्फ रावण को मई 2017 में सहारनपुर के शब्बीरपुर में जातीय हिंसा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और उनकी गिरफ्तारी 8 जून 2017 को हिमाचल प्रदेश से हुई थी। भीम आर्मी के संस्थापक रावण की गिरफ्तारी के बाद उसके समर्थकों ने जमकर धरना-प्रदर्शन किया था जिसके चलते जिले में एक महीने तक तनाव रहा था।
प्रदेश सरकार की तरफ से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस मामले में सोनू, सुधीर, विलास को पहले ही रिहा किया जा चुका है। विज्ञप्ति में लिखा है कि अब राज्य सरकार ने रावण की मां के प्रत्यावेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए उनके समयपूर्व रिहाई का फैसला किया है। विज्ञप्ति के मुताबिक, रावण को पहले एक नवंबर तक जेल में रहना था लेकिन अब उसे जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा। रावण के अलावा दो अन्य आरोपियों सोनू पुत्र नाथीराम और शिवकुमार पुत्र रामदास को भी सरकार ने रिहा करने का फैसला किया है और तीनों की रिहाई के लिए सहारनपुर के जिलाधिकारी को जरूरी निर्देश दे दिए गए हैं।