मथुरा: कोरोना संकट के चलते देश में लागू किए गए लॉकडाउन के कारण करीब ढाई माह से ठाकुर जी के दर्शनों से वंचित रहे भक्तजन अब सोमवार से श्रीकृष्ण जन्मस्थान सहित ब्रज के कई मंदिरों में दर्शन कर सकेंगे। परंतु वृन्दावन के ठा.बांकेबिहारी, गोवर्धन में दानघाटी और बरसाना में श्रीजी के दर्शन के लिए उन्हें अभी और इंतजार करना होगा। राज्य सरकार के दिशानिर्देशों के तहत आठ जून से मंदिरों को आम भक्तों के लिए खोलने का आदेश जारी किया गया है। इसके तहत श्रीकृष्ण जन्मस्थान के दर्शन आसानी से किए जा सकेंगे। मंदिर के पट आम दिनों की भांति तय समयानुसार खोले जाएंगे।
वृंदावन स्थित श्री बांकेबिहारी मंदिर, रंगजी मंदिर, इस्कॉन मंदिर, प्रेम मंदिर के साथ ही मथुरा स्थित श्रीद्वारिकाधीश मंदिर, बलदेव स्थित दाऊजी मंदिर, गोवर्धन स्थित मंदिर दानघाटी मुखारबिंद, मानसीगंगा, नंदगांव स्थित मंदिर श्रीनंदभवन, श्रीजी मंदिर बरसाना में सोमवार से आम लोगों के लिए नहीं खुलेंगे। उनमें कुछ मंदिरों ने 10 जून से तो कुछ ने 30 जून के बाद ही आम दर्शकों के लिए पट खोलने का निर्णय लिया है।
इस संबंध में जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र ने बताया, "रविवार को मंदिर प्रबंधकों तथा सेवायतों के साथ बैठक कर मंदिर खोलने के संबंध में शासन द्वारा जारी दिशानिर्देशों से अवगत करा दिया गया है तथा यह भी ताकीद कर दी गई है कि एक बार में एक साथ पांच से अधिक दर्शनार्थी मंदिर में न रहने पाएं।" उन्होंने बताया कि सभी मंदिर प्रबंधकों एवं सेवायतों को यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि दर्शन के लिए उमड़ने वाली भीड़ को नियंत्रित करने की पूरी जिम्मेदारी उन्हीं की होगी। जबकि, जिला प्रशासन सार्वजनिक रूप से कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने का कार्य करेगा। इस मामले में रंगजी मंदिर की मुख्य अधिशासी अधिकारी अनघा श्रीनिवासन का कहना है कि ढाई महीने से अधिक समय बाद मंदिरों में उमड़ने वाली भीड़ की व्यवस्था करने में फिलहाल हम सक्षम नहीं हैं। इसलिए रंगजी मंदिर 30 जून के बाद ही खोला जा सकेगा।
श्रीकृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) के जनसंपर्क अधिकारी सौरभ त्रिविक्रम दास ने बताया, "कोरोना महामारी के वायरस से बचाव के दृष्टिगत इस अवसर पर आने वाले श्रद्धालुओं के भारी दबाव से निपटने की मुश्किलों को समझते हुए निर्णय लिया गया है कि मंदिर को फिलहाल 15 जून तक बंद ही रखा जाएगा तथा उसके पश्चात तत्कालीन परिस्थितियों के मद्देनजर अगला निर्णय लिया जाएगा।" ठा.बांकेबिहारी मंदिर के सामान्य प्रबंधक उमेश सारस्वत ने बताया, "चूंकि इस मंदिर का प्रबंधन अदालत द्वारा निर्धारित प्रशासनिक अधिकारी के हाथों में है। इसलिए संबंधित न्यायिक अधिकारी को स्थिति से अवगत करा दिया गया है। वे जो निर्णय करेंगे, उसका पालन कराया जाएगा।"