बलिया: बलिया गोलीकांड के मुख्य आरोपी और स्थानीय भाजपा नेता धीरेंद्र प्रताप सिंह ने पुलिस के सामने कबूल किया कि उसने गोली चलाई थी। हालांकि, धीरेंद्र ने कहा कि उसने गोली आत्मरक्षा में चलाई थी क्योंकि दूसरे पक्ष ने झगड़ा शुरू किया था। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि राशन की दुकान के आवंटन के दौरान एक व्यक्ति को गोली मारने के मुख्य आरोपी धीरेंद्र ने कबूल किया है कि दूसरे पक्ष ने जब झगड़ा शुरू किया तो उसने आत्मरक्षा में गोली चलाई।
बलिया कोतवाली प्रभारी विपिन सिंह ने बताया कि पुलिस उप महानिरीक्षक सुभाष चन्द्र दूबे ने धीरेंद्र प्रताप सिंह से तकरीबन एक घण्टे तक पूछताछ की, जिसमें उसने रेवती में हुई घटना का ब्यौरा दिया। विपिन सिंह के मुताबिक धीरेंद्र ने कहा कि रेवती घटना में उसने आत्मरक्षार्थ गोली चलाई थी। उसने दावा किया कि बवाल की शुरुआत दूसरे पक्ष ने की थी। अधिकारी ने बताया कि धीरेंद्र पुलिस को अपराध में प्रयुक्त हथियार की बरामदगी में मदद करने को तैयार है।
गौरतलब है कि बलिया के रेवती इलाके के दुर्जनपुर गांव में गुरुवार को राशन की दुकानों के आवंटन को लेकर हुए झगड़े के बाद धीरेंद्र सिंह ने जय प्रकाश पाल गामा (46) की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी। घटना के दौरान मौके पर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और पुलिस अधिकारी मौजूद थे। लेकिन, आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह मौके से फरार हो गया था, जिसके बाद उसपर 50 हजार रुपये का ईनाम भी रखा गया था।
मामले के मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह को उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने रविवार को लखनऊ से गिरफ्तार किया था। एसटीएफ के पुलिस महानिरीक्षक अमिताभ यश ने रविवार को बताया, ''बलिया कांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह को राजधानी के पालिटेक्निक चौराहे से गिरफ्तार किया गया है।'' जानकारी के अनुसार, धीरेंद्र सिंह लखनऊ में छिपने की कोशिश में था और मामला शांत होने पर उसका सरेंडर करने का प्लान था।
एसटीएफ द्वारा रविवार को जारी विज्ञप्ति में कहा गया था कि पूछताछ में धीरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि कोटे के आवंटन को लेकर पंचायत के सामने उसकी कृष्ण कुमार यादव और उनके साथियों के साथ कहासुनी हो गई। उसने दावा किया कि इस बीच विपक्षी पक्ष से गोली चला दी गई, जिसमें उसका भतीजा गोलू सिंह व घर की कुछ महिलाएं घायल हो गई। गोलू सिंह की बाद में मृत्यु हो गई। एसटीएफ के मुताबिक जवाब में इन लोगों द्वारा गोली चलाई गयी जिसमें विरोधी पक्ष के जय प्रकाश पाल की मौत हो गई।
रविवार को लखनऊ से गिरफ्तार किये गये धीरेंद्र को पुलिस टीम सोमवार को भारी सुरक्षा प्रबन्धों के बीच मेडिकल जांच के लिए जिला अस्पताल लेकर गई, जहां उसकी जांच हुई। बता दें कि मामले में अब तक मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह समेत कुल दस लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।