बलिया: बलिया गोलीकांड के मुख्य आरोपी के परिजनों से मुलाकात के दौरान बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह फूट-फूटकर रोने लगे। रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर गांव में सरकारी कोटे की दुकान आवंटन के दौरान हुई फायरिंग की घटना में जयप्रकाश पाल की हत्या कर दी गई थी। इस घटना का मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह के बचाव में खुलकर सामने आ गए हैं। आज विधायक ने मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह के परिजनों से मुलाकात की। इस दौरान वे रो पड़े। विधायक सुरेंद्र सिंह ने मांग की बलिया कांड की जांच CBCID के जरिए कराई जाए। विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि वे जांच की मांग के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करेंगे।
धीरेंद्र ने सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर शुक्रवार को जारी वीडियो में स्वयं को पूर्व सैनिक संगठन का अध्यक्ष करार दिया है। उसने घटना को पूर्व नियोजित करार देते हुए कहा कि उसने आवंटन के लिये बैठक शुरू होते ही उप जिलाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक व अन्य अधिकारियों से बवाल होने की संभावना जताई थी लेकिन अधिकारियों ने उसकी बात पर कोई ध्यान नही दिया। धीरेंद्र ने कहा कि अधिकारियों की मौजूदगी में उसके 80 वर्षीय वृद्ध पिता व भाभी पर हमला किया गया। हमलावर लाठी डंडे व अवैध असलहा से लैस थे। उसने दावा किया कि इस घटना में उसके परिवार के एक व्यक्ति की मौत हो गई है तथा एक व्यक्ति की हालत नाजुक बनी हुई है। घटना में उसके पक्ष के 8 से अधिक लोग घायल हुए हैं। धीरेंद्र ने कहा है कि उसे जानकारी नहीं है कि जयप्रकाश पाल गामा की मौत किसकी गोली लगने से हुई है? साथ ही प्रशासन पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उसकी शिकायत पर पुलिस मुकदमा दर्ज नहीं कर रही।
धीरेंद्र ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मामले की सही जांच व न्याय की मांग की है। वहीं, दूसरी तरफ भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह रेवती कांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र के बचाव में खुलकर सामने आ गए हैं। उन्होंने पुलिसिया जांच पर सवालिया निशान लगाते हुए इस मामले की सीबीसीआईडी जांच की मांग की है। इस मामले पर बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है।
अपर पुलिस अधीक्षक संजय कुमार यादव ने शुक्रवार को बताया कि घटना के दौरान मामले में लापरवाही बरतने पर रेवती थाने पर तैनात तीन उप निरीक्षक सूर्य कांत पांडेय, सदानन्द यादव व कमला सिंह यादव तथा छह आरक्षियों को निलंबित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में पहले ही उप जिलाधिकारी सुरेश चंद्र पाल व पुलिस उपाधीक्षक चन्द्रकेश सिंह को निलंबित कर दिया था।