लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) अध्यक्ष मायावती ने केंद्र के 3 नए विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के विरुद्ध हरियाणा तथा मध्य प्रदेश में हुई कार्रवाई की निंदा करते हुए मंगलवार को पार्टी पदाधिकारियों को किसानों के आंदोलन का समर्थन जारी रखने के निर्देश दिए। मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि केन्द्र सरकार के अड़ियल रवैये के कारण ही भारतीय जनता पार्टी शासित राज्य सरकारें भी किसानों को एक प्रकार से अपना प्रतिरोधी ही मानकर व्यवहार करने लगी हैं।
मायावती ने कहा कि इस मामले में खासकर हरियाणा सरकार का रवैया लगातार घोर किसान-विरोधी बना हुआ है तथा अब आन्दोलित किसानों के ‘सिर फोड़ने के’ सरकारी आदेशों को भी सही ठहराने का प्रयास किया जा रहा है। बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि बीजेपी की इसी प्रकार की जनविरोधी और किसान विरोधी कार्यशैली से उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में जनता का हाल बेहाल हो रहा है। गौरतलब है कि करनाल के उपजिलाधिकारी आयुष सिंह का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर छाया है जिसमें वह पुलिस कर्मियों को किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने की हिदायत देते हुए जरूरत पड़ने पर उनका ‘सिर फोड़ने का’ निर्देश देते सुने जा सकते हैं।
SDM के इस बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। मायावती ने कहा कि बसपा आन्दोलित किसानों के साथ उनकी जायज मांगों के समर्थन में हमेशा खड़ी रही है तथा संसद के भीतर और बाहर भी इनके पक्ष में अपनी आवाज लगातार बुलन्द करती रही है। उन्होंने कहा कि बसपा कार्यकर्ता पार्टी के कड़े अनुशासन के तहत किसानों के आन्दोलन का समर्थन जारी रखें। उन्होंने कहा कि आन्दोलित किसानों ने अब उत्तर प्रदेश में भी अपनी सक्रियता को और अधिक बढ़ाने की घोषणा की है जिसके फलस्वरूप राज्य की भाजपा सरकार से भी आग्रह है कि वह हरियाणा तथा मध्य प्रदेश जैसे राज्यों की तरह किसानों के खिलाफ बर्बरतापूर्ण व्यवहार न करे तो बेहतर होगा।
मायावती ने कहा कि केन्द्र सरकार को अपना अड़ियल रवैया त्याग कर इस पर सहानुभूतिपूवर्क विचार करते हुए किसानों की मान-सम्मान की ख़ातिर और व्यापक देशहित में कृषि कानूनों को तुरन्त वापस ले लेना चाहिए। (भाषा)