लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ तौर पर संकेत दिया है कि राज्य के एक और जिले का नाम बदला जा सकता है। मंगलवार को बदायूं जिले में एक समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "बदायूं को पहले वेदामऊ के नाम से जाना जाता था। यह वैदिक अध्ययन का केंद्र था और यह दुनिया की सबसे उपजाऊ भूमि है।" हालांकि पहले नाम बदलने की कोई मांग नहीं थी, लेकिन मंगलवार को मुख्यमंत्री के संकेत से स्थानीय भाजपा इकाई हरकत में आ गई है।
एक स्थानीय भाजपा नेता रजित सभरवाल ने कहा, "हम अब बदायूं का नाम बदलने की औपचारिक मांग रखेंगे। हमने तैयारी शुरू कर दी है और इतिहास से तथ्यों को खोज रहे हैं। हमें उम्मीद है कि चुनाव से पहले प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।" पौराणिक कथाओं के अनुसार बदायूं का नाम अहीर राजकुमार बुद्ध के नाम पर पड़ा था।
प्रो. गोटी जॉन के अनुसार, एक प्राचीन शिलालेख में इस शहर का नाम 'बेदामूथ' रखा गया और इस क्षेत्र को पांचाल कहा जाता था। शिलालेख पर लिखी पंक्तियों के अनुसार नगर के निकट एक ग्राम 'भदौनलक' था। एक मुस्लिम इतिहासकार रोज खान लोधी ने कहा कि यहां अशोक-द ग्रेट ने एक बौद्ध विहार और एक किला बनवाया और इसका नाम बुद्धमऊ रखा।
दिलचस्प बात यह है कि बदायूं में अब 21 फीसदी मुस्लिम आबादी है। अलीगढ़ का नाम बदलकर हरिगढ़ और सुल्तानपुर का नाम कुशभवनपुर करने का प्रस्ताव पहले से ही राज्य सरकार के पास लंबित है।