नई दिल्ली: बाबरी ढांचे को गिराए जाने के मामले में भारतीय जनता पार्टी के तीन सांसदों की सदस्यता आज बच गई। लल्लू सिंह, साक्षी महाराज और ब्रिज भूषण शरण सिंह तीनों मौजूदा सांसद हैं। अगर ये तीनों दोषी पाए जाते तो सुप्रीम कोर्ट के 2016 के फ़ैसले के मुताबिक़ तत्काल ही इनकी लोकसभा की सदस्यता समाप्त हो जाती। इनके द्वारा उच्च अदालत में अपील करने का भी इंतज़ार नहीं किया जाता।
आपको बता दें कि आज बीआई की विशेष अदालत ने छह दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में बुधवार को बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया। विशेष अदालत के न्यायाधीश एस.के.यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी। यह एक आकस्मिक घटना थी। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी। विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश एस के यादव ने 16 सितंबर को इस मामले के सभी 32 आरोपियों को फैसले के दिन अदालत में मौजूद रहने को कहा था।
हालांकि वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, राम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और सतीश प्रधान अलग—अलग कारणों से न्यायालय में हाजिर नहीं हो सके। कल्याण सिंह बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के वक्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय भी इस मामले के आरोपियों में शामिल थे। मामले के कुल 49 अभियुक्त थे, जिनमें से 17 की मृत्यु हो चुकी है।
इनपुट-भाषा