वक्फ नंबर 1111, 1112, 1115 से जुड़ा मामला
सेंट्रल वक्फ काउंसिल की रिपोर्ट के पेज नंबर 32,33 और 34 में जो बातें लिखी गई है, वो भी आजम खान के लिए बड़ी मुसीबत बन सकती है। यह मामला बरेली के नवाब मोहम्मद हुसैन वक्फ नंबर 11, 12 और वक्फ नंबर 1111, 1112, 1115 से जुड़ा है। ऐसे आरोप लगे हैं कि वक्फ बोर्ड की 25 एकड़ से ज्यादा की जमीन की प्लॉटिंग की गई। इसके साथ-साथ इसी वक्फ की 2 दुकानों को मार्केट रेट से काफी कम पैसे में, एक करोड़ 20 लाख की जगह सिर्फ 5 लाख रुपये में बेच दिया गया। रिपोर्ट में चीटिंग और फ्रॉड की FIR कराने के साथ दुकान बेचने के मामले में आज़म खान के रोल की जांच कराने को कहा गया है। इसके साथ साथ हुमा मार्केट में 42 दुकानों से 5 लाख रुपए का रेंट लिया जाना था, लेकिन हर महीने सिर्फ 5000 रुपए किराया ही वसूला गया।
मुनव्वर बाग मार्केट में पेड़ों को काटने का मामला
मुनव्वर बाग मार्केट में 450 पेड़ों को काटने के मामले में भी आज़म खान पर सवाल उठे हैं। ये सारे पेड़ कटवाकर इन्हें ठेकेदारों को बेच दिया गया। जो पैसा मिला उसे आज़म के गुर्गों ने आपस में बांट लिया। रिपोर्ट में चीटिंग और फ्रॉड के लिए FIR दर्ज करने की बात कही गई है। पेड़ों को अपने साथियों को बेचने के मामले में आजम खान के रोल की जांच की बात कही गई है।
आजम खान की दलील
वहीं, आजम खान ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें या उनके परिवार को वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी से क्या लेना देना, उन्होंने इनसे कभी फूटी कौड़ी भी नहीं ली। उन्होंने कहा कि वक्फ की जमीन पर जो स्कूल बने वे ट्रस्ट के हैं। लेकिन इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि आजम को फायदा कैसे मिला। जिन लोगों को आजम खान ने वक्फ बोर्ड में बड़े पदों पर रखवाया, उन्होंने बदले में आजम खान के बेटे के इलेक्शन में फंडिंग की। सेंट्रल वक्फ काउंसिल की यह रिपोर्ट यूपी में शिया वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टीज में घोटाले से जुड़ी हुई है। इस रिपोर्ट में यूपी में शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी को आज़म खान का हेंचमैन माना गया है। रिपोर्ट के मुताबिक वसीम रिज़वी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए वक्फ की कई जमीनों को गलत तरीके से बिल्डर्स को बेच दिया और उनपर कंस्ट्रक्शन करवाया।
आजम खान के खिलाफ इस रिपोर्ट में है और भी बहुत कुछ। पढ़ें अगले पेज पर...