लखनऊ: समाजवादी पार्टी के सीनियर नेता और उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान के खिलाफ सेंट्रल वक्फ काउंसिल की रिपोर्ट में वक्फ बोर्ड की जमीन के दुरुपयोग की बात लिखी है। इस रिपोर्ट में साफ लिखा है कि आजम खान ने अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए शिया वक्फ बोर्ड को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया। रिपोर्ट में आजम खान के खिलाफ जांच की सिफारिश की गई है।
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हुसैनी सराय, वक्फ नंबर 1456 मामला
यह मामला वक्फ हुसैनी सराय, वक्फ नंबर 1456 से जुड़ा है। यह रामपुर की नवाब फैमिली का प्राइवेट वक्फ है। आरोप हैं कि आज़म खान ने 1.5 एकड़ में वक्फ की जमीन पर बनी सराय, मुसाफिर खाना और दुकानें तुड़वा दीं। सिर्फ तीन दिन के अंदर ऐक्शन लिया गया। रिपोर्ट में लिखा है कि ग्राउंड फ्लोर पर दुकानें बनी थीं। पहले और दूसरे फ्लोर पर मुसाफिरखाना और सराय थी, लेकिन इसके लिए आज़म के करीबी और शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने डेवलपमेंट चार्ज के नाम पर 30 लाख रुपए वसूले थे। रिपोर्ट में लिखा है कि फॉर्मर वक्फ मिनिस्टर ने पूरी वक्फ मशीनरी का दुरुपयोग करते हुए 3 दिन के अंदर इस कंस्ट्रक्शन को तुड़वा दिया।ये भी पढ़ें:
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आरोप है कि ऐसा सिर्फ इसलिए किया गया ताकि नवाब काजिम अली को नीचा दिखाया जा सके और स्वार से चुनाव ल़ड़े रहे आजम खान के बेटे अब्दुल्ला खान को प्रमोट किया जा सके। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मामले में प्रशासन का भारी दुरुपयोग किया गया है। वक्फ हुसैनी सराय को आजम खान के निर्देश के बाद गिराया गया। रिपोर्ट में आजम खान के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी, 467, 468, 211 और वक़्फ़ ऐक्ट की धारा 52 ए के तहत FIR की सिफारिश भी की गई है।
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