अयोध्या:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में छोटी दिवाली के मौके पर दीपोत्सव समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अयोध्या को हमेशा नकारात्मकता की दृष्टि से देखा गया लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अयोध्या को उसकी पहचान और सम्मान दिलाकर रहेंगे। सीएम योगी ने कहा कि मुझे खुशी है कि पूरे जनपद ने सहभागी बनकर सफल बनाया है। यह चार चरण में पूरा करना है जिसका यह पहला चरण है। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत मजबूती से आगे बढ़ रहा है। दीप सदा जलकर हंसता है.. हम सबको दीप की तरह बनना है।
सीएम ने कहा कि दीपावली का उत्सव अयोध्या ने दिया लेकिन लगातार प्रहार झेलती रही है। अब ऐसा नहीं होगा। 133 करोड़ की लागत से विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास हुआ है। यूपी टूरिज्म का हब बने इसकी शुरुआत अयोध्या से कर रहे हैं.. अयोध्या मानवता की धरती है.. राम राज के नाम पर दुनिया को मानवता का पाठ पढ़ाया है।
जिस घर के गरीब में बिजली और रसोई गैस का चूल्हा जलाता है तो उसके लिए वही राम राज्य है। अयोद्या के विकास के लिए जो भी होगा सभी योजनाओं को पूर्ण मूर्त देने का काम होगा। नदियों की पूजा करके नदी संस्कृति को बताएंगे। सरयू नदी का अपना महत्व है। हमारी सरकार ने सरयू तट पर आरती का कार्यक्रम तय किया है। आनेवाली पीढ़ी के लिए हमें विरासत को बचाना होगा और पूर्वजों का सम्मान करना होगा। विकास माध्यम है समाज के अंतिम पायदान पर बैठे हुए व्यक्ति को साथ जोड़ने का। अयोध्या को सदैव आशंका की नजरों से देखा गया। अयोध्या को उसकी पहचान और सम्मान मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि थाईलैंड में सभी हाईवे राम के नाम पर हैं। वहां का राजा और वहां के लोग आज भी कहते हैं कि राम हमारे पूर्वज हैं। इंडोनेशिया से कलाकर आए हैं सभी मुस्लिम हैं। उन्होंने कहा इस्लाम हमारा मजहब हो सकता है लेकिन राम हमारे पूर्वज हैं। इस देश में कुछ लोग ऐसे हैं जो हर अच्छे काम में नकारात्मकता देखते हैं। मैं अयोध्या में हूं तो अब कहेंगे कि जनता का ध्यान हटाने के लिए अयोध्या आए हैं। जबकि हम योजनाओं के साथ यहां पहुंचे हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्याथ, राज्यपाल राम नाईक, दोनों उप मुख्यमंत्रियों सहित तमाम मंत्रियों की मौजूदगी में सरयू तट 1.71 लाख दीपों की रोशनी से जगमगा उठा। इस दीपोत्सव से पहले योगी व राज्यपाल ने 133 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास कर अयोध्या को विकास का तोहफा दिया और विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को प्रमाण-पत्र सौंपे।