अयोध्या: अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन के साथ ही 500 साल पुराने विवाद का पटाक्षेप हुआ। आज देर शाम अयोध्या राम जन्मभूमि परिसर पर हुई रामलला की संध्या आरती का इंडिया टीवी पर प्रसारण हुआ। पहली बार रामलला की आरती किसी टीवी चैनल पर प्रसारित हुई है। पूरे भक्तिभाव के साथ घंटे और शंखनाद के बीच हुई रामलला की आरती ने वहां मौजूद श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। भक्ति की छटा अपने पूरे चरम पर दिखी।
इससे पहले आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर भूमि पूजन कर मंदिर निर्माण की नींव रखी। उन्होंने कहा कि राम मंदिर राष्ट्रीय एकता और राष्ट्रीय भावना का प्रतीक है तथा इससे समूचे अयोध्या क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार स्वतंत्रता दिवस लाखों बलिदानों और स्वतंत्रता की भावना का प्रतीक है, उसी तरह राम मंदिर का निर्माण कई पीढ़ियों के अखंड तप, त्याग और संकल्प का प्रतीक है।
मोदी ने कहा कि यह मंदिर राष्ट्रीय एकता और राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा तथा करोड़ों लोगों की सामूहिक शक्ति का भी प्रतीक बनेगा। यह आने वाली पीढ़ियों को आस्था और संकल्प की प्रेरणा देता रहेगा। इससे समूचे अयोध्या क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ का शिलान्यास करने के बाद प्रधानमंत्री ने एक समारोह को संबोधित किया और इसकी शुरुआत ‘‘सियावर रामचंद्र की जय’’ के उद्घोष से की।
उन्होंने कहा कि यह उद्घोष सिर्फ राम की नगरी में ही नहीं, बल्कि इसकी गूंज पूरे विश्व में सुनाई दे रही है। उन्होंने सभी देशवासियों को और विश्व में फैले करोड़ों राम भक्तों को इस ‘‘पवित्र’’ अवसर पर ‘‘कोटि कोटि’’ बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे ‘‘हमारे रामलला’’ के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा। उन्होंने कहा, ‘‘टूटना और फिर उठ खड़ा होना, सदियों से चल रहे इस व्यतिक्रम से राम जन्मभूमि आज मुक्त हो गई है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की स्वतंत्रता के लिए चले आंदोलन के समय कई-कई पीढ़ियों ने अपना सब कुछ समर्पित कर दिया था।
गुलामी के कालखंड में कोई ऐसा समय नहीं था जब आजादी के लिए आंदोलन न चला हो, देश का कोई भूभाग ऐसा नहीं था जहां आजादी के लिए बलिदान न दिया गया हो। उन्होंने कहा, ‘‘15 अगस्त का दिन लाखों बलिदानों का प्रतीक है, स्वतंत्रता की भावना का प्रतीक है। ठीक उसी तरह राम मंदिर के लिए कई सदियों तक कई पीढ़ियों ने लगातार प्रयास किया और आज का यह दिन उसी तप, त्याग और संकल्प का प्रतीक है।’’ उन्होंने कहा कि राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण भी था, तर्पण भी था, संघर्ष भी था, संकल्प भी था।
उन्होंने कहा, ‘‘जिनके त्याग, बलिदान और संघर्ष से आज ये स्वप्न साकार हो रहा है, जिनकी तपस्या राम मंदिर में नींव की तरह जुड़ी हुई है, मैं उन सबको आज 130 करोड़ देशवासियों की तरफ से नमन करता हूं।’’ मोदी ने कहा कि राम का मंदिर भारतीय संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा, हमारी शाश्वत आस्था का प्रतीक बनेगा, राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा। उन्होंने कहा, ‘‘ये मंदिर करोड़ों-करोड़ों लोगों की सामूहिक शक्ति का भी प्रतीक बनेगा।’’ अपने संबोधन से पहले, प्रधानमंत्री ने मंदिर निर्माण की आधारशिला से संबंधित एक पट्टिका का अनावरण किया और इस मौके पर ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ से संबंधित विशेष डाक टिकट भी जारी किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के अंत में ‘सियापति रामचंद्र’ का जयकारा लगाया।
पारंपरिक धोती-कुर्ता पहने प्रधानमंत्री ने इससे पहले भूमि पूजन कर राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी। अयोध्या पहुंचने के बाद उन्होंने सबसे पहले हनुमानगढ़ी पहुंचकर हनुमान जी की पूजा-अर्चना की और फिर राम जन्मभूमि क्षेत्र पहुंचकर भगवान राम को दंडवत प्रणाम किया और पारिजात का पौधा लगाया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास सहित बड़ी संख्या में साधु-संत मौजूद थे। (इनपुट-भाषा)