Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. उत्तर प्रदेश
  4. अयोध्या मामला: सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड ने कहा, मुल्‍क के भले के लिए दिया मध्‍यस्‍थता पैनल को प्रस्‍ताव

अयोध्या मामला: सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड ने कहा, मुल्‍क के भले के लिए दिया मध्‍यस्‍थता पैनल को प्रस्‍ताव

सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने कहा है कि उसने अयोध्या मामले में गठित मध्यस्थता पैनल के सामने जो भी प्रस्ताव दिया है, वह मुल्क के भले के लिए है।

Reported by: Bhasha
Published on: October 20, 2019 12:32 IST
Ayodhya Case: Proposal to arbitration panel for the benefit of the country, says Sunni Waqf Board- India TV Hindi
अयोध्या मामला: सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड ने कहा, मुल्‍क के भले के लिए दिया मध्‍यस्‍थता पैनल को प्रस्‍ताव | PTI File

लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश सुन्‍नी सेंट्रल वक्‍फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से ‘मुकम्‍मल इंसाफ’ की उम्‍मीद की है। बोर्ड ने साथ ही कहा है कि उसने अयोध्‍या मामले में गठित मध्‍यस्‍थता पैनल के सामने जो भी प्रस्‍ताव दिया है, वह मुल्‍क के भले के लिए है और हिन्‍दुस्‍तान के तमाम अमन पसंद लोगों की इसमें रजामंदी होगी। बोर्ड के अध्‍यक्ष जुफर फारूकी ने रविवार को कहा कि बोर्ड ने अपने तमाम सदस्‍यों के साथ विचार-विमर्श करके मध्‍यस्‍थता पैनल के सामने प्रस्‍ताव रखा था।

‘बेहद सलीके से संभालना होगा अयोध्या का मसला’

उन्होंने कहा कि अयोध्‍या का मसला बेहद संवेदनशील है और उससे जुड़े अहम पक्षकारों का रुख मुल्‍क के भविष्‍य पर असर डाल सकता है लिहाजा इसे इंतहाई सलीके से संभालना होगा। फारूकी ने कहा कि उन्हें यकीन है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर ‘मुकम्‍मल इंसाफ’ करेगा। उन्‍होंने कहा, ‘हमने मध्‍यस्‍थता पैनल को जो भी प्रस्‍ताव दिया है, वह एक तो मुल्‍क के मफाद (भले) में है और अगर अदालत इसे मंजूर कर लेती है तो तमाम अमनपसंद हिन्‍दुस्‍तानियों की इसमें ताईद (रजामंदी) होगी। इस वक्‍त भी काफी लोग हमारा समर्थन कर रहे हैं। चूंकि कानूनी वजूहात (कारण) हैं इसलिये हम मध्‍यस्‍थता पैनल को दिये गये प्रस्‍ताव का खुलासा नहीं कर सकते।’

‘हम विवादित जमीन पर दावे से पीछे नहीं हट रहे’
फारूकी ने कहा कि बोर्ड ने मध्‍यस्‍थता पैनल को जो प्रस्‍ताव दिया है, उसे यह न समझा जाए कि हम विवादित जमीन पर अपने दावे से हट रहे हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट को संविधान के अनुच्‍छेद 142 के तहत यह अधिकार है कि वह मुकम्‍मल इंसाफ करने के लिये कुछ भी फैसला कर सकता है। हम अदालत से सम्‍पूर्ण न्‍याय चाहते हैं। सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड अध्‍यक्ष ने कहा कि जब भी कोई कदम उठाया जाता है तो कुछ लोग उसका समर्थन करते हैं तो कुछ उसका विरोध करते हैं। 

प्रस्ताव में लिखी बातों की आधिकारिक पुष्टि नहीं
मालूम हो कि अयोध्‍या मामले में प्रमुख पक्षकार उत्‍तर प्रदेश सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड ने इस प्रकरण में गठित मध्‍यस्‍थता पैनल के सामने एक प्रस्‍ताव रखा है। इस प्रस्‍ताव को अयोध्‍या प्रकरण की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जा चुका है। चूंकि अदालत ने मध्‍यस्‍थता पैनल की तमाम कार्यवाही की मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगा रखी है इसलिए प्रस्‍ताव में लिखी बातों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पायी है। 

बोर्ड के कदम का कुछ मुस्लिम पक्षकारों ने किया विरोध
बहरहाल, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अयोध्‍या मामले में बोर्ड के वकील शाहिद रिजवी ने कहा है कि बोर्ड ने कुछ शर्तों पर बाबरी मस्जिद की जमीन से दावा छोड़ने को कहा है। हालांकि बोर्ड के इस कदम का बाकी मुस्लिम पक्षकारों ने विरोध किया है। देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने सुन्नी वक्फ बोर्ड की पेशकश के बारे में कहा, 'वक्फ बोर्ड का प्रमुख जमीन का मालिक नहीं होता है, बल्कि वह देखभाल करने वाला होता है। इस मामले में हमें कोई समझौता मंजूर नहीं होगा। अदालत जो भी फैसला करेगी वो हमें मंजूर होगा।'

AIMPLB ने कहा, मस्जिद की जमीन अल्लाह की है
अयोध्‍या मामले में मुस्लिम पक्ष का संरक्षण कर रहे देश में मुसलमानों की सबसे बड़ी संस्‍था माने जाने वाले ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी पिछले दिनों लखनऊ में हुई अपनी बैठक में पारित प्रस्‍ताव में कहा था कि मस्जिद की जमीन अल्‍लाह की है और अगर सुप्रीम कोर्ट मुसलमानों के पक्ष में फैसला सुनाता है तो वह भूमि किसी और को नहीं दी जाएगी।

Latest Uttar Pradesh News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Uttar Pradesh News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement