नई दिल्ली:अयोध्याभूमिविवादमामले में सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई आज खत्म होने जा रही है आज सुनवाई का अंतिम दिन है और सभी पक्षों की तरफ से दलीलें पेश की जा रही हैं। सुप्रीम कोर्ट में आज बुधवार को हिंदू और मुस्लिम पत्र की जिरह का आखिरी दिन है। शाम 5 बजे तक सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा, आज के बाद इस मामले में और सुनवाई नहीं होगी, आज सुनवाई के बाद वर्षों पुराने इस विवाद के खत्म होने की उम्मीद बढ़ गई है, सुप्रीम कोर्ट जल्द ही इसपर आगे चलकर फैसला भी सुना सकता है।
बुधवार को राम लला का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन को 45 मिनट और दिए जाएंगे। उनके बाद मुस्लिम पक्षकारों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन को एक घंटे का समय दिया जाएगा। राजीव धवन के बाद 45 मिनट के चार स्लॉट बाकी चार पार्टियों को दिए जाएंगे।
राम मंदिर मुद्दे 40 दिन चली सुनवाई आज हुई खत्म, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
Oct 16, 20193:58 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
धवन की जिरह पूरी, कोर्ट ने ऑर्डर रिज़र्व किया।
Oct 16, 20193:58 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
धवन- हम राम चबूतरे को भी मस्जिद का हिस्सा मानते हैं। सिर्फ गुम्बद ही मस्जिद नहीं है। गुम्बद वाला एरिया पश्चिम में है। पूर्व में रेलिंग है। चबूतरा रेलिंग के बाहर बाहरी हिस्से में है।
Oct 16, 20193:57 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
धवन: हम चाहते हैं कि बाबरी मस्जिद को restore किया जाए, जैसी वह 5 दिसम्बर 1992 को खड़ी थी। ध्वस्त की गई इमारत से हमारा सम्बंध है। इसका दोबारा से निर्माण करवाना भी हमारा अधिकार है। किसी और का नहीं। धवन ने भी कोर्ट के सामने एक नक्शा पेश किया।
Oct 16, 20193:56 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
धवन- इतिहास में कई हिन्दू शासक भी थे। वह मुस्लिम शासकों से अलग कैसे थे?
धवन: मैं सिर्फ 5 मिनट और लूंगा।
राजीव धवन की एक दलील पर interrupt करते हुए रणजीत कुमार ने आपत्ति जताई। चीफ जस्टिस ने उन्हें बैठने के लिए कहा।
रणजीत कुमार: जब मैं बहस कर रहा था, तब वह भी interrupt कर रहे थे।
CJI: तो आप भी अब ऐसा ही करेंगे?
Oct 16, 20193:38 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
धवन: वह चाहते हैं कि आप आप संविधान से परे जाकर ये कहें कि तब एक कम्युनिटी थी जो कि ऐतिहासिक तौर पर गलत थी। कौन हैं वे? हिन्दू। मुगलों के प्रशासन में उनके लिए काम करने वाले अधिकत्तर हिन्दू थे।
Oct 16, 20193:37 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
धवन: पहले आपको टाइटल दिखाना था, आपने नहीं किया। ट्रैवेलर्स के अलावा आपने हमें कुछ नहीं दिखाया। साल 2000 में लोगों के दिए गए बयान पर आप निर्भर कर रहे हैं। अगर हम ये मान लें कि आपके पास टाइटल है, तो हम क्या कहेंगे? कि वक्त के साथ एडवर्स पोज़ेशन के ज़रिए टाइटल हमें मिल गया।
Oct 16, 20193:37 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
राजीव धवन: मिस्टर मिश्रा को उन्हें लैंड ग्रांट के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
Oct 16, 20193:36 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
राजीव धवन: यूपी मुस्लिम वक्फ अधिनियम एक ऑपरेटिव अधिनियम है और इसमें कहा गया है कि वक्फ संपत्तियों को वापस हासिल करने के लिए बोर्ड को कदम उठाने का अधिकार है। (धवन ने ये बात उस दावे के जवाब में कही जिसमें ये कहा गया था कि वक्फ बोर्ड का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि वह मुतवल्ली नहीं था।)
Oct 16, 20193:33 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
राजीव धवन: मैं आपका शुक्र गुज़ार हूँ।
Oct 16, 20193:32 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
CJI ने मुस्कुराते हुए कहा "मैंने ही उन्हें फाड़ने के लिए कहा था। तभी उन्होंने ऐसा किया"
Oct 16, 20193:31 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
राजीव धवन: सोशल मीडिया पर ये बात वायरल हो रही है कि मैंने कोर्ट में पन्ने फाड़े।
राजीव धवन: मैं जजों से पूछा था कि मैं इसे फेंकना चाहता हूँ और my lord चीफ जस्टिस ने कहा कि आप इसे फाड़ सकते हैं।मैंने वो कोर्ट की इजाज़त से फाड़े थे।
Oct 16, 201912:41 PM (IST)Posted by Sachin Chaturvedi
सीजेआई ने कहा हम और समय नहीं दे सकते
CJI ने विकास सिंह से कहा कि आपका समय पूरा हो चुका है
विकास सिंह ने कहा कि उनको थोड़ा समय और चाहिए
CJI ने कहा कि हम सभी को नही सुन सकते है
Oct 16, 201912:36 PM (IST)Posted by Sachin Chaturvedi
1810 में तैयार किया गया था ये नक्शा
विकास सिंह ने बताया कि सन् 1810 का अयोध्या का यह नक्शा है। जिसमें अंग्रेजों ने तीन गुम्बद के नीचे राममन्दिर लिखा ह्रै ये इग्लैण्ड के लाइब्रेरी से हिन्दू महासभा ने निकलवाया है।
1810 में तैयार किया गया था ये नक्शा
Oct 16, 201912:19 PM (IST)Posted by Sachin Chaturvedi
धवन ने कोर्ट रूम में फाड़ा नक्शा
हिन्दू महासभा की तरफ से विकास सिंह ने अपनी दलील पेश करते हुए एक नक़्शा कोर्ट को दिखाया और कहा कि इस नक़्शे में भगवान राम के जन्म स्थान की सही जानकारी है जो अभी तक किसी ने कोर्ट के सामने पेश नहीं किया है। इस पर धवन ने कहा कि यह बेकार की बातें है इसको कोर्ट को नही मनना चाहिए। वहीं मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अगर आप इसको नही मानते तो कोई बात नहीं है। वहीं राजीव धवन ने विकास सिंह से तरफ से दिया गया एक नक़्शा कोर्ट रूम में फाड़ दिया।
हिन्दू महासभा की तरफ से विकास सिंह ने दलीलें शुरू की
Oct 16, 201912:01 PM (IST)Posted by Manoj Kumar
जयदीप गुप्ता ने कहा कि शिबैत को ही वहां पर पूजा का अधिकार है और बाबा अभिराम दास ही असली शिबैत है। बाबा अभिराम दास का निधन हो चुका है और महंत धर्म दास उनके शिष्य है
Oct 16, 201912:00 PM (IST)Posted by Manoj Kumar
रंजीत कुमार की दलीलें पूरी। धर्मदास(अभिराम दास के चेले) की तरफ से जयदीप गुप्ता ने अपनी दलीलें शुरू की।
Oct 16, 201912:00 PM (IST)Posted by Manoj Kumar
गोपाल सिंह विशारद के वकील रंजीत कुमार ने कहा हिंदुओं में कण-कण में भगवान की मान्यता है
Oct 16, 201911:59 AM (IST)Posted by Manoj Kumar
गोपाल सिंह विशारद के वकील रंजीत कुमार ने कैलाश मानसरोवर के बारे में बताते हुए कहा कि वहां पर हिन्दू पूजा करते है और वहां किसी मूर्ति की पूजा नही होती बल्कि पूरे पहाड़ की पूजा होती है।
Oct 16, 201911:56 AM (IST)Posted by Manoj Kumar
वैद्यनाथन: 8 साल तक मुसलमानों ने ट्रांसलेशन को लेकर कोई विवाद खड़ा नहीं किया गया। उन्हें अपना केस रखने के लिए भरपूर वक्त दिया गया। अब वे ऐसे मुद्दे उठा रहे हैं जो सही नहीं है।
Oct 16, 201911:56 AM (IST)Posted by Manoj Kumar
वैद्यनाथन: इस बात के कुछ सबूत हैं कि मुसलमान 1857 से 1934 तक वहां शुक्रवार की नमाज़ अदा करते थे। लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं कि उसके बाद भी उन्होंने वहां प्रार्थना करनी जारी रखी। हालांकि हिन्दू वहां लगातार पूजा करते रहे
Oct 16, 201911:55 AM (IST)Posted by Manoj Kumar
वैद्यनाथन: 1855 तक हिन्दू और मुस्लिम वहां एक साथ पूजा करते थे। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि विवादित ज़मीन पर बना ढांचा बाबर ने बनवाया था और उसे वक्फ को समर्पित किया गया था और इसका भी कोई सबूत नहीं है कि उसे खाली ज़मीन पर बनवाया गया था।
Oct 16, 201911:55 AM (IST)Posted by Manoj Kumar
वैद्यनाथन: मुस्लिम ये कह रहे हैं कि राम चबूतरा भगवान राम का जन्मस्थान था। ये उस छोटी जगह को बांटने का प्रयास था। हालांकि लोग अंदरूनी हिस्से में भी पूजा करते रहे। अंदरूनी हिस्से में लगातार पूजा कर रहे थे लेकिन बाद में वहां रेलिंग लगा दी गयी
Oct 16, 201911:08 AM (IST)Posted by Manoj Kumar
Oct 16, 201911:07 AM (IST)Posted by Manoj Kumar
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अंतिम दिन की सुनवाई हुई शुरू, शाम 5 बजे तक सुनी जाएंगी दलीलें
Oct 16, 201910:39 AM (IST)Posted by Sachin Chaturvedi
सुप्रीम कोर्ट में थोड़ी देर में सुनवाई शुरू होगी। सभी पांचों जज कोर्टरूम पहुंचे।
Oct 16, 201910:39 AM (IST)Posted by Sachin Chaturvedi
सुन्नी वक्फ बोर्ड राम जन्म भूमि पर अपना दावा छोड़ने को तैयार
सुन्नी वक्फ बोर्ड राम जन्म भूमि पर अपना दावा छोड़ने को तैयार हो गया है। बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और मध्यस्थता कमेटी के सदस्य श्रीराम पंचू के जरिए कोर्ट में यह एफिडेविट जारी किया है।
Oct 16, 20197:18 AM (IST)Posted by Sachin Chaturvedi
जानिए मंगलवार को जिरह में क्या-क्या हुआ
हिन्दू पक्ष ने न्यायालय से कहा, बाबर की ऐतिहासिक भूल सुधारने की जरूरत है
राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद की उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के दौरान मंगलवार को एक हिन्दू पक्ष ने दलील दी कि भारत विजय के बाद मुगल शासक बाबर द्वारा करीब 433 साल पहले अयोध्या में भगवान राम के जन्म स्थान पर मस्जिद का निर्माण कर ‘ऐतिहासिक भूल’ की गयी थी और अब उसे सुधारने की आवश्यकता है।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष एक हिन्दू पक्षकार की ओर से पेश पूर्व अटार्नी जनरल एवं वरिष्ठ अधिवक्ता के.परासरण ने कहा कि अयोध्या में कई मस्जिदें हैं जहां मुस्लिम इबादत कर सकते हैं लेकिन हिन्दू भगवान राम का जन्म स्थान नहीं बदल सकते।
सुन्नी वक्फ बोर्ड और अन्य द्वारा 1961 में दायर मामले में प्रतिवादी महंत सुरेश दास की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने कहा कि विदेशी शासक बाबर द्वारा की गयी ऐतिहासिक भूल को सुधारने की जरूरत है। बाबर ने भगवान राम के जन्म स्थान पर मस्जिद का निर्माण कर ऐतिहासिक भूल की और कहा कि मैं बादशाह हूं और मेरा आदेश ही कानून है।
उन्होंने कहा, ‘‘अयोध्या में मुस्लिम किसी भी अन्य मस्जिद में इबादत कर सकते हैं। अकेले अयोध्या में 55-60 मस्जिदें हैं। लेकिन, हिंदुओं के लिए यह भगवान राम का जन्म स्थान है, जिसे हम बदल नहीं सकते।’’
संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं। संविधान पीठ ने परासरण से परिसीमा के कानून, विपरीत कब्जे के सिद्धांत और अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि से मुस्लिमों को बेदखल किये जाने से संबंधित अनेक सवाल किये।
पीठ ने यह भी जानना चाहा कि क्या मुस्लिम अयोध्या में कथित मस्जिद छह दिसंबर, 1992 को ढहाये जाने के बाद भी विवादित संपत्ति के बारे में डिक्री की मांग कर सकते हैं? पीठ ने परासरण से कहा, ‘‘वे कहते हैं, एक बार मस्जिद है तो हमेशा ही मस्जिद है, क्या आप इसका समर्थन करते हैं।’’
इस पर परासरण ने कहा, ‘‘नहीं, मैं इसका समर्थन नहीं करता। मैं कहूंगा कि एक बार मंदिर है तो हमेशा ही मंदिर रहेगा।’’ पीठ द्वारा परासरण से अनेक सवाल पूछे जाने के बाद प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘धवन जी, क्या हम हिन्दू पक्षकारों से भी पर्याप्त संख्या में सवाल पूछ रहे हैं?’’
प्रधान न्यायाधीश की यह टिप्पणी महत्वपूर्ण थी क्योंकि मुस्लिम पक्षकारों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने सोमवार को आरोप लगाया था कि सवाल सिर्फ उनसे ही किये जा रहे हैं और हिन्दू पक्ष से सवाल नहीं किये गये। संविधान पीठ अयोध्या विवाद में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों पर मंगलवार को 39वें दिन भी सुनवाई कर रही थी।
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