हैदराबाद/लखनऊ: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने डॉ कफील खान पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई होने के खिलाफ अवाज उठाई और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसा। ओवैसी ने योगी सरकार पर दलितों और मुस्लिमों को सताने के लिए उनपर NSA लगाने का आरोप लगाया है। उन्होंने डॉ. कफील खान के बचाव में कहा कि एक डॉक्टर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा नहीं है।
दरअसल, भड़काऊ बयान देने के मामले में डॉ कफील खान को अदालत ने जमानत तो दे दी थी लेकिन इसके बाद भी वह जेल से नहीं निकल पाए हैं। क्योंकि यूपी सरकार ने अब डॉ काफील पर NSA के तहत कार्रवाई कर दी है। ऐसे में AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट में लिखा, "यूपी में दलितों, मुस्लिमों और विरोधियों के खिलाफ योगी बार-बार NSA का इस्तेमाल कर रहे हैं। एक डॉक्टर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा नहीं है। असल में 'ठोक देंगे' और 'बोली नहीं तो गोली' कहने वाला एक मुख्यमंत्री राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं।"
बता दें कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में भड़काऊ भाषण देने के आरोपी गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के निलंबित प्रवक्ता डॉ कफील खान के खिलाफ यूपी पुलिस ने शुक्रवार को नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) लगाया। अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरी ने शुक्रवार को बताया कि कफील के खिलाफ एनएसए की कार्यवाही की गई है और वह जेल में ही रहेंगे।
कफील को नए नागरिकता कानून के खिलाफ पिछले दिसंबर में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुंबई में गिरफ्तार करने के बाद अलीगढ़ लाया गया था मगर उन्हें फौरन मथुरा जेल भेज दिया गया था। फिलहाल, वह मथुरा जेल में बंद हैं। हालांकि, उन्हें जमानत मिल चुकी है मगर उन्हें रिहा नहीं किया गया है। मालूम हो, एनएसए के तहत किसी भी व्यक्ति को तब तक जेल में रखा जा सकता है जब तक प्रशासन इस बात से संतुष्ट ना हो जाए कि उस व्यक्ति से राष्ट्रीय सुरक्षा या कानून व्यवस्था को कोई खतरा नहीं है।
खान को उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने गत 29 जनवरी को मुंबई में गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ अलीगढ़ के सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। इससे पहले डॉक्टर कफील खान को अगस्त 2017 में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई 60 से ज्यादा बच्चों की मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया था। करीब 2 साल के बाद जांच में खान को सभी प्रमुख आरोपों से बरी कर दिया गया था।