लखीमपुर खीरी: लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में एक और FIR दर्ज की गई है। यह FIR भाजपा कार्यकर्ता सुमित जायसवाल ने दर्ज कराई है। हालांकि, इसमें किसी आरोपी का नाम नहीं है, अज्ञात उपद्रवी के खिलाफ दर्ज हत्या, बलवा, मारपीट की धाराओं में FIR दर्ज कराई गई है। इस मामले में दर्ज यह दूसरी FIR है। इसके के मुताबिक, 'थार गाड़ी (UP 31 AS 1000) में सुमित अपने मित्र शुभम और ड्राइवर हरिओम के साथ था। तभी उपद्रवियों ने गाड़ी पर लाठी और ईंट-पत्थरों से हमला कर दिया, जिसमें ड्राइवर हरिओम के सिर पर चोट आई।'
FIR के अनुसार, 'सिर में चोट लगने के बाद ड्राइवर ने गाड़ी किनारे रोक दी, जिसके बाद उपद्रवियों ने ड्राइवर हरिओम को गाड़ी से नीचे खींचकर लाठी-डंडों और तलवार से मारने पीटा। ऐसे में लगातार हो रहे पथराव को देखकर सुमित ने दोस्त शुभम के साथ भागने की कोशिश की। इस दौरान उपद्रवियों ने शुभम मिश्रा को पकड़ लिया और उसको भी मारने लगे। हालांकि, सुमित किसी तरह से अपनी जान बचाकर वहां से भाग गया।'
प्राथमिकी के मुताबिक, 'घटना के बाद में सोशल मीडिया के माध्यम से सुमित को जानकारी मिली कि उसके दोस्त और गाड़ी के ड्राइवर की हत्या कर दी गई है तथा साथ में दो अन्य अज्ञात भाजपा कार्यकर्ताओं की भी हत्या की गई है।'
'गाड़ी मेरी थी, मैं घटनास्थल पर नहीं था', हिंसा में लगे आरोपों पर बोले आशीष मिश्रा
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ 'मोनू' ने अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर इंडिया टीवी से बात की। इस दौरान उन्होंने साफ तौर पर कहा कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे बल्कि जिस वक्त घटना हुई, वह घटनास्थल से करीब साढ़े चार किलोमीटर दूर दंगल आयोजन के कार्यक्रम में थे। आशीष मिश्रा ने कहा, "मैं दंगल के कार्यक्रम में था, घटनास्थल पर नहीं था। मैं सुबह 9 बजे से शाम साढ़े चार या पौने पांच तक बलबीरपुर में दंगल कार्यक्रम स्थल पर ही था। दंगल के कार्यक्रम में होने का सबूत मेरे पास।" आशीष मिश्रा ने सबूत के तौर पर एक वीडियो भी दिखाया।
उन्होंने कहा, 'घटनास्थल से लगभग 4.5 किलोमीटर की दूरी पर एक दंगल का आयोजन हो रहा था। यह हमारे परिवार का पुश्तैनी कार्यक्रम है, जो पिछले 35 सालों से चल रहा है। मैं इस कार्यक्रम का अध्यक्ष हूं। इस कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को बतौर मुख्य अतिथि शामिल होना था। मैं इस कार्यक्रम में सुबह से लेकर समापन तक मौजूद था और कहीं नहीं गया था। उप मुख्यमंत्री को रिसीव करने के लिए कुछ कार्यकर्ताओं को भेजा गया था। लेकिन, उनको रिसीव करने पहुंचने से पहले ही गाड़ियों पर हमला हो गया, तोड़फोड़ की गई और लोगों को निकालकर मार डाला गया।'
घटना की वीडियो में दिख रही थार गाड़ी किसकी है और भागने वाले शख्स कौन है, इस सवाल के जवाब में आशीष मिश्रा ने कहा, 'हमारे कार्यकर्ता तीन गाड़ियों में उप मुख्यमंत्री को रिसीव करने गए थे, चर्चा आ रही है कि हमारी गाड़ी पर पथराव हुआ। कार्यकर्ता बेचारे बैठे हुए थे, यह कार्यकर्ता निकले। यह (वीडियो में भागता दिख रहा शख्स) सुमित जैसवाल हैं, यह हमारे कार्यकर्ता हैं, जो रिसीव करने के लिए गए थे। लोगों ने आरोप लगाया है कि तमन्चा और पिस्तौलों से फायर करते हुए गए, आप खुद वीडियो में देख लीजिए कि कार्यकर्ता हथियार लिए है या अपनी जान बचाने के लिए भाग रहा है।'
क्या आप इस बात से इनकार कर सकते हैं कि किसान इसी कार (वीडियो में दिख रही थार) से कुचला गया है, यह थार आपके परिवार की है, तो क्या यह माना जाए कि यह आपके आदेश से हुआ है? इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'नहीं, मैं फिर से रिपीट करता हूं, उप मुख्यमंत्री को रिसीव करने के लिए मेरे तीन वाहन जा रहे थे। यह गाड़ी मेरी है, रिसीविंग प्वाइंट से पहले उनपर अटैक हुआ, जिसमें मेरे चार कार्यकर्ता मारे गए।' आशीष मिश्रा ने कहा, 'मैं पूरी तरह से जांच पर विश्वास रखता हूं। जांच होगी, जो भी दोषी हो उसे दंड दिया जाए।'