कानपुर (उप्र): बिकरू कांड में शामिल रहे एक और इनामी अपराधी शनिवार को चौबेपुर से गिरफ्तार किया गया। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) ब्रजेश श्रीवास्तव ने बताया कि चौबेपुर के बिकरू गांव के राजेन्द्र कुमार मिश्रा को शिवराजपुर रोड पर गंगोत्री रॉयल पशु आहार फैक्टरी के गेट से पकडा गया, तब वह किसी परिचित के घर जा रहा था।
श्रीवास्तव के अनुसार मिश्रा अदालत में सुरक्षित आत्मसमर्पण करना चाहता था, इसी सिलसिले में अपने किसी परिचित से बात करने जा रहा था। मिश्रा पर 50 हजार रूपये का इनाम था। पुलिस के मुताबिक मिश्रा का बेटा प्रभात उर्फ कार्तिकेय भी बिकरू कांड का आरोपी है और उसे इस कांड के सप्ताह भर बाद ही हरियाणा के फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था।
श्रीवास्तव ने बताया कि कानपुर लाते समय कार्तिकेय ने एक पुलिसकर्मी से पिस्तौल छीनकर एसटीएफ टीम पर पर फायरिंग कर दी थी, जिसके बाद वह पुलिस के हाथों मारा गया। पूछताछ के दौरान शुरूआत में तो मिश्रा ने पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया लेकिन बाद में कबूला कि तीन जुलाई को पुलिस टीम पर हुए हमले में वह और उसका बेटा शामिल थे।
मिश्रा ने पुलिस को बताया कि वह कानपुर देहात और आसपास के जिलों में कई जगहों पर छिपता रहा। वह इस दौरान किसी रिश्तेदार के यहां नहीं गया क्योंकि उसे गिरफ्तारी की आशंका थी। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जांच के दौरान बिकरू कांड में मिश्रा की भूमिका सामने आयी। उसके बाद मामले में उसका नाम जोडा गया।
पुलिस महानिरीक्षक (कानपुर रेंज) मोहित अग्रवाल ने उस पर 50 हजार रूपये का इनाम घोषित किया था। एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस मिश्रा से पूछताछ कर रही है ताकि पुलिस टीम पर बिकरू में घात लगाकर किये गये हमले में अधिक से अधिक जानकारी हासिल की जा सके। उल्लेखनीय है कि दो और तीन जुलाई की दरम्यानी रात को गैंगस्टर विकास दुबे के यहां दबिश देने गयी पुलिस टीम पर घात लगाकर हमला किया गया था, जिसमें आठ पुलिसकर्मियों की जान चली गयी।