लखनऊ: अपनी पार्टी और उसके सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के दरम्यान जारी तल्खी के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज साथी पार्टियों के नेताओं से मुलाकात की और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा अन्य पार्टी नेताओं के साथ बैठक की।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव अभियान से एक दिन का समय निकालकर लखनऊ पहुंचे शाह ने योगी सरकार में अपने सहयोगियों सुभासपा और अपना दल के नेताओं के साथ अलग-अलग बैठक की। सबकी निगाहें सुभासपा अध्यक्ष और राज्य के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर के साथ होने वाली बैठक पर लगी थीं। राजभर योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ सार्वजनिक रूप से नाराजगी जता चुके हैं।
राजभर ने ‘बताया कि भाजपा अध्यक्ष शाह ने उनके साथ मुख्यमंत्री आवास पर बैठक की, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय भी मौजूद थे। सुभासपास अध्यक्ष ने बताया कि इस दौरान उन्होंने सर्वाधिक पिछड़ों के लिए अलग श्रेणी बनाने, पात्रों को राशन कार्ड, आवास, शौचालय, पेंशन दिलाने, पिछड़ों की छात्रवृत्ति के लिए बजट आवंटन में विसंगति, अधिकारियों द्वारा सुभासपा नेताओं की बात नहीं माने जाने और सुभासपा के लिए कार्यालय भवन उपलब्ध नहीं कराने के मुद्दे उठाए।
उन्होंने बताया कि शाह ने बैठक में कहा कि उनकी मांगें जायज हैं, जिन्हें पूरा किया जाएगा। फिलहाल वह बैठक से संतुष्ट हैं। बैठक में जो बातचीत हुई है, सरकार उसे अमली जामा पहनाये। दलितों और पिछड़ों की भागीदारी थाना, ब्लॉक और तहसील पर सुनिश्चित हो। मांगे पूरी नहीं होने पर भाजपा के साथ गठबंधन जारी रखने पर पुनर्विचार की अपनी पूर्व की घोषणा के बारे में पूछे जाने पर राजभर ने कहा, ‘‘हमने तो कहा हैं कि 2024 तक साथ रहेंगे और भाजपा के साथ रहकर लड़ेंगे।’’
इस बीच, भाजपा के सूत्रों के मुताबिक महात्मा ज्योतिबा फुले को श्रद्धांजलि देने के साथ अपना दौरा शुरू करने वाले भाजपा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री आवास पर हुई विभिन्न बैठकों में गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव के नतीजों, दलितों के आंदोलन, विधानपरिषद चुनाव और सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन पर चर्चा की।