Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. उत्तर प्रदेश
  4. Coronavirus: निर्वाचन आयोग के खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए- इलाहाबाद हाई कोर्ट

Coronavirus: निर्वाचन आयोग के खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए- इलाहाबाद हाई कोर्ट

पीठ ने कहा कि खबरों में लोगों ने आरोप लगाया है कि हाल में पंचायत चुनावों में कोविड-19 संबंधी दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया। पीठ ने कहा कि ऐसा लगता है कि चुनावी ड्यूटी पर तैनात कर्मियों को इस घातक संक्रमण से बचाने के लिए न तो पुलिस और न ही चुनाव आयोग ने कुछ किया। 

Written by: Bhasha
Published on: April 28, 2021 6:17 IST
Allahabad Highcourt slams Election Commission over Coronavirus Panchayat Elections Coronavirus: निर्- India TV Hindi
Image Source : PTI Coronavirus: निर्वाचन आयोग के खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए- इलाहाबाद हाई कोर्ट

प्रयागराज. उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनावों के दौरान ड्यूटी पर तैनात सरकारी कर्मचारियों की मौत से जुड़ी खबरों को संज्ञान में लेते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य निर्वाचन आयोग से पूछा कि उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार की पीठ ने उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस फैलने और पृथक-वास केंद्रों की स्थिति को लेकर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह सवाल किया।

पीठ ने कहा कि खबरों में लोगों ने आरोप लगाया है कि हाल में पंचायत चुनावों में कोविड-19 संबंधी दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया। पीठ ने कहा कि ऐसा लगता है कि चुनावी ड्यूटी पर तैनात कर्मियों को इस घातक संक्रमण से बचाने के लिए न तो पुलिस और न ही चुनाव आयोग ने कुछ किया। अदालत ने लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, आगरा, कानपुर नगर और गोरखपुर में स्थिति सामान्य करने के लिए सरकार को तत्काल कदम उठाने को कहा।

अदालत ने निर्देश दिया कि इन शहरों के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में दिन में दो बार स्वास्थ्य संबंधी बुलेटिन जारी करने की प्रणाली लागू की जानी चाहिए, ताकि लोग मरीजों के स्वास्थ्य की स्थिति जान सकें और तीमारदार अस्पताल जाने से बच सकें। उसने कहा कि ये अस्पताल मरीजों संबंधी जानकारी देने के लिए बड़ी स्क्रीन का उपयोग कर सकते हैं। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि सरकार इन शहरों के अपने जिला पोर्टल पर सभी अस्पतालों में कोविड-19 वार्ड और आईसीयू में भरे हुए और खाली बिस्तरों की स्थिति बताए।

अदालत ने कहा कि केवल एंटिजन जांच रिपोर्ट में व्यक्ति के संक्रमणमुक्त होने की पुष्टि ही किसी मरीज को अस्पताल से छुट्टी देने का आधार नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इस तरह के मरीज दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं। उसने कहा कि उन्हें कम से कम एक सप्ताह के लिए गैर कोविड-19 वार्ड में भर्ती रखा जाना चाहिए।

अदालत ने निर्देश दिया कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि प्रत्येक जिले में सभी सरकारी कोविड-19 अस्पतालों और संक्रमण के इलाज के लिए निर्धारित निजी अस्पतालों एवं कोविड-19 केंद्रों में प्रत्येक व्यक्ति की मौत की सूचना एक न्यायिक अधिकारी को दी जाए, जिसकी नियुक्ति जिला न्यायाधीश द्वारा की जाएगी।

अदालत ने लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर नगर, आगरा, गोरखपुर, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर और झांसी के जिला न्यायाधीशों से एक-एक न्यायिक अधिकारी नामित करने का अनुरोध किया, जो अपने-अपने जिलों में नोडल अधिकारी के तौर पर काम करेंगे और हर सप्ताहांत महानिबंधक को रिपोर्ट करेंगे और इस रिपोर्ट को सुनवाई की अगली तारीख तीन मई, 2021 को अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा।

Latest Uttar Pradesh News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Uttar Pradesh News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement