प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी की इमामबाड़ा मस्जिद मीर इमाम अली मेहदी बेगम में मजलिस की अनुमति दिए जाने की मांग वाली याचिका सोमवार को स्वीकार करते हुए स्थानीय पुलिस को मजलिस के आयोजन में किसी तरह की बाधा उत्पन्न नहीं करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति एसके गुप्ता और न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की पीठ ने वक्फ इमामबाड़ा मस्जिद मीर इमाम अली मेहदी बेगम द्वारा दायर एक याचिका पर यह आदेश पारित किया।
याचिका में कहा गया है कि नियमित आधार पर 10 दिन मजलिस का आयोजन किया जाता है और इस वर्ष 30 सितंबर से 9 अक्तूबर तक मजलिस की जानी थी। याचिकाकर्ता का आरोप है कि शिया वक्फ बोर्ड ने 21 अगस्त, 2020 को लिखे एक पत्र के जरिए जिला प्रशासन को अनुरोध किया था कि बिना किसी बाधा के मजलिस का आयोजन करने के लिए पर्याप्त पुलिस बल की व्यवस्था करे। मजलिस के लिए अनुमति भी दे दी गई, लेकिन स्थानीय पुलिस इस धार्मिक सभा की अनुमति नहीं दे रही है।
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा, “अनलॉक-4 के दिशानिर्देश में धार्मिक सभा के संबंध में 100 लोगों के एकत्र होने की व्यवस्था दी गई है और बिना किसी वैध कारण के याचिकाकर्ता को सभा करने से रोकना भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) और अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है जोकि शांतिपूर्ण ढंग से एकत्र होने और धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता देता है।” अदालत ने याचिका स्वीकार करते हुए मजलिस में किसी तरह की बाधा पैदा नहीं करने का निर्देश दिया बशर्ते अनलॉक-4 के दिशानिर्देशों का पालन किया जाए और सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियमों का पालन किया जाए। साथ ही सभा के दौरान मास्क पहनने और सैनिटाइजेशन के नियमों का भी पालन सुनिश्चित किया जाए।