यूपी के हाथरस में हुए गैंगरेप का गुस्सा पूरे देश में दिखाई दे रहा है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने हाथरस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुये उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च अधिकारियों को नोटिस जारी किये। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने हाथरस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार और हाथरस एसपी से पूरे मामले पर जवाब मांगा है, इस मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी। हाईकोर्ट लखनऊ बेंच के जस्टिस राजन राय और जस्टिस जसप्रीत सिंह की बेंच ने मामले में एसीएस होम, डीजीपी ,एडीजी एलओ और हाथरस के डीएम, एसपी से मामले में 12 अक्टूबर तक जवाब मांगा है। पीड़िता की मौत के बाद उसका जबरन अंतिम संस्कार कर दिया गया, इस पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। साथ ही हाथरस के डीएम का परिजनों को धमकाने का जो वीडियो वायरल हो रहा है उससे भी लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
हाथरस की घटना में लड़की से नहीं हुआ बलात्कार: अपर पुलिस महानिदेशक
उत्तर प्रदेश पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को दावा किया कि हाथरस कांड में 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ बलात्कार नहीं हुआ था। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने यहां कहा कि दिल्ली के एक अस्पताल के मुताबिक दलित युवती की मौत गले में चोट लगने और उसके कारण हुए सदमे की वजह से हुई थी। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक साइंस लैब की रिपोर्ट से भी यह साफ जाहिर होता है कि उसके साथ बलात्कार नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि वारदात के बाद युवती ने पुलिस को दिए गए अपने बयान में भी अपने साथ बलात्कार होने की बात नहीं कही थी। उन्होंने कहा कि उसने सिर्फ मारपीट किए जाने का आरोप लगाया था।
जानिए क्या है पूरा मामला
पिछले सप्ताह शनिवार को हाथरस के पुलिस अधीक्षक विक्रांतवीर ने बताया था कि 14 सितंबर को चंदपा पुलिस थाने के एक गांव में एक 19 साल की दलित लड़की को संदीप (20) नाम के एक लड़के ने मारने का प्रयास किया। पुलिस अधीक्षक ने बताया था कि लड़की अपनी मां के साथ खेत गयी थी और वहां से वह गायब हो गयी। उन्होंने बताया था कि लड़की का गला दबाने की कोशिश की गयी जिससे उसकी जबान उसके दांतो के नीचे आकर कट गयी, बाद में वह कुछ दूरी पर खून से लथपथ पायी गयी। उन्होंने बताया कि संदीप को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया और लड़की को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। लड़की ने पहले दिन बलात्कार की बात नहीं बतायी थी। उन्होंने बताया कि बाद में लड़की ने अपने बयान में बताया था कि उसके साथ संदीप के अलावा तीन और युवकों रामू, लवकुश और रवि ने मिलकर सामूहिक दुष्कर्म किया और विरोध करने पर जान से मारने की कोशिश में उसका गला दबाया जिससे उसकी जबान कट गयी।
एसपी विक्रांत ने बताया था कि बाद में रामू और लवकुश को गिरफ्तार किया गया और शनिवार को चौथे आरोपी रवि को भी गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया था कि इन सबके खिलाफ सामूहिक बलात्कार, जान से मारने का प्रयास के अलावा एससी/ एसटी एक्ट में भी मामला दर्ज करके जेल भेज दिया गया है। हाथरस के अपर पुलिस अधीक्षक प्रकाश कुमार ने पत्रकारों को बताया था कि पहले आरोपियों के खिलाफ जान से मारने के प्रयास की धारा जोड़ी गयी थी बाद में जानकारी मिलने के बाद इन चारों के खिलाफ 376 डी (सामूहिक दुष्कर्म) की धारा जोड़ी गयी थी। हाथरस के पुलिस अधीक्षक से उस दिन जब यह पूछा गया था कि घटना के 12 दिन हो गये हैं लड़की की मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि हुई है या नहीं। तो उन्होंने बात को टालते हुये कहा था, 'मेडिकल रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में है, अभी उसे देखा नहीं गया है लेकिन हमने आरोपियों के खिलाफ सामूहिक बलात्कार की धारा मामले में जोड़ दी है।'