अलीगढ़: अलीगढ़ में जहरीली शराब पीने से मरनेवालों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है। यह जानकारी अलगीढ़ के सीएमओ ने दी है। इस शराब कांड के बाद राज्य सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए जिला आबकारी अधिकारी समेत पांच लोगों को निलंबित कर दिया है। इस मामले में शराब की दुकान के मालिक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिलाधिकारी ने मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।
अलीगढ़ के जिलाधिकारी बताया कि घटना की समयबद्ध मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश दे दिया गया है और यह जांच अपर जिलाधिकारी स्तर के एक अधिकारी द्वारा की जाएगी। उन्होंने कहा कि जांच में दोषी पाये जाने वाले लोगों के खिलाफ प्रशासन राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगा सकता है। अपर जिलाधिकारी (वित्त) ने बताया कि जिला प्रशासन की जांच में पाया गया है कि शराब से प्रभावित अधिकतर लोग तीन थाना क्षेत्रों लोढा, खैर और जांवा के हैं। अपर मुख्य सचिव (आबकारी) संजय भूसरेड्डी ने बताया कि अलीगढ़ के जिला आबकारी अधिकारी धीरज शर्मा, संबंधित क्षेत्र के आबकारी निरीक्षक राजेश कुमार यादव और चंद्रप्रकाश यादव, प्रधान आबकारी सिपाही अशोक कुमार, आबकारी सिपाही रामराज राना को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और इनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की गयी है।
इसके पहले, अलीगढ़ परिक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) दीपक कुमार ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि शुक्रवार सुबह लोधा थाना पुलिस को सूचना मिली कि अलीगढ़-टप्पल राजमार्ग पर यहां से करीब 20 किलोमीटर दूर करसिया गांव में एक ठेके से खरीदी गई देसी शराब पीने से दो लोगों की मौत हो गई है जिनकी पहचान ट्रक चालकों के रूप में की गई। उन्होंने बताया कि दोनों चालक अलीगढ़-टप्प्पल राजकीय राजमार्ग पर स्थित एक गैस डिपो में काम के सिलसिले में आये थे। उनके मुताबिक जब तक पुलिस और जिले के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे तब तक सूचना मिली कि करसिया और आसपास के कुछ अन्य गांवों के छह अन्य लोगों ने भी शराब पीने के बाद दम तोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस दल को इलाके में भेजा गया और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया ।
आबकारी विभाग के उपायुक्त डी शर्मा ने बताया कि गंभीर हालत में पांच ग्रामीणों को दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल ले जाया गया जहां से उन्हें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि संबंधित शराब की दुकान को सील कर दिया गया है और परीक्षण के लिए नमूने एकत्र किये गये हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने बताया कि शाम को शराब की दुकान के मालिक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि पुलिस की छह टीम आसपास के गांवों में शराब पीने वालों की तलाश कर रही है, ताकि अगर कोई बीमार हो तो उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा सके। स्थानीय निवासियों के अनुसार बृहस्पतिवार की शाम कुछ ग्रामीणों के बीमार होने की जानकारी मिली। ग्रामीणों को आशंका है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि आसपास के गांवों के कई लोगों ने भी शराब का सेवन किया था और उनके बारे में जानकारी अभी स्पष्ट नहीं है।
अलीगढ़ को टप्पल से जोड़ने वाले स्टेट हाईवे पर स्थित अंडला समेत करसिया गांव और आसपास के कई गांवों में मातम छा गया है। क्षेत्र के सबसे बड़े गांव अंडला के प्रधान ओम दत्त ने कहा कि मृतकों और अस्पताल में भर्ती लोगों के अलावा कल दोपहर से जहरीली शराब पीने के बाद बीमार होने वालों की संख्या ज्यादा है। उन्होंने आरोप लगाया कि व्यापक रूप से ऐसी खबरें थीं कि मौतें "नकली शराब" से जुड़े एक संगठित गिरोह के कारण हुईं। उन्होंने इस पूरे मामले की जांच की मांग की।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार ‘लल्लू’ ने अलीगढ़ के लोधा थाना क्षेत्र के करसुआ, निमाना, हैवतपुर और अंडला गांवों में जहरीली शराब से लोगों की मौत पर पर सरकार पर हमला किया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार बताये कि उसके कार्यकाल में जहरीली शराब का अवैध कारोबार किसके संरक्षण में चल रहा है और जहरीली शराब पीने से हुई मौतों का कौन जिम्मेदार है? लगातार मौतें हो रही हैं, आखिर किन लोगों के दबाव में शराब के अवैध कारोबारियों पर कार्यवाही नहीं हो रही है? ‘लल्लू’ ने एक बयान में नैतिकता के आधार पर राज्य सरकार के आबकारी मंत्री से त्यागपत्र की मांग की। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार द्वारा जहरीली शराब के कारोबारियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करना यह साबित करता है कि कहीं न कहीं जहरीली शराब का कारोबार करने वाले मौत के सौदागरों को सरकार का संरक्षण मिला हुआ है।
इनपुट-भाषा