लखनऊ: कानपुर कांड को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि तथाकथित निष्पक्ष जांच भी उनसे करवाई जा रही है, जो खुद कठघरे में खड़े हैं। अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, "उत्तर प्रदेश सत्ता और अपराध के गठजोड़ के उस वीभत्स दौर में है, जहां न तो पुलिस को मारने वाले दुर्दांत अपराधी पर कोई कार्रवाई हुई है और न ही उस अधिकारी पर जिसकी संलिप्तता का प्रमाण चतुर्दिक उपलब्ध है। ऐसे में तथाकथित निष्पक्ष जांच भी उनसे करवाई जा रही है, जो खुद कठघरे में खड़े हैं।"
ज्ञात हो कि कानपुर में दुदार्ंत अपराधी विकास दुबे की गिरफ्तारी को पहुंची पुलिस टीम पर हमले में शहीद सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्र के पत्र को लेकर जांच के घेरे में आए तत्कालीन एसएसपी और मौजूदा डीआईजी एसटीएफ अनंत देव तिवारी को मंगलवार रात को शासन ने हटाकर मुरादाबाद पीएसी भेज दिया। अभी तक वह एसटीएफ की उस टीम का हिस्सा थे जो कानपुर मुठभेड़ कांड की जांच कर रही है।
मंगलवार को पत्र प्रकरण की जांच करने पहुंचीं आईजी लक्ष्मी सिंह की रिपोर्ट आने के बाद योगी सरकार ने उन्हें हटाने का फैसला किया। इससे पहले सीओ देवेंद्र मिश्र के परिजनों ने भी अनंत देव पर सवाल खड़े किए थे। इसी के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे मामले के जांच के आदेश दिए थे।
इस बीच 8 पुलिसकर्मियों के हत्यारे विकास दुबे की तलाश सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि अब दिल्ली और पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हो रही है। मंगलवार को विकास दुबे जैसा दिखने वाला एक शख्स फरीदाबाद के एक होटल में कमरा लेने के लिए पहुंचा था लेकिन जरूरी आईडी नहीं होने की वजह से उसे कमरा नहीं मिला था। बाद में पुलिस वहां पहुंची तो तबतक वह शख्स वहां से जा चुका था।
पुलिस ने फरीदाबाद से 3 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनके ऊपर आरोप है कि उन्होंने विकास दुबे की सहायता की है, ऐसा माना जा रहा है कि फरीदाबाद के होटल में दिखा शख्स विकास दुबे ही था।
इस बीच विकास दुबे और उसके साथियों की उत्तर प्रदेश में भी तलाश जारी है, उसके एक करीबी साथी की बुधवार सुबह एनकाउंटर में मौत हो गई है और एक को गिरफ्तार किया गया है।