लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी के राज में किसान बहुत परेशान हैं और पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था और अब किसान पूछ रहे हैं कि उनकी आय दोगुनी कब होगी? अखिलेश ने कहा, ‘‘किसान देश के लिए अन्न उपजाता है और विकास के लिए अपनी जमीन भी देता पर सरकार उसे ठीक तरह से मुआवजा नहीं देती। यह दुख की बात है कि केंद्र व राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार होने के बावजूद किसान सबसे ज्यादा परेशान हैं।’’
शनिवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली और उत्तर प्रदेश में सरकार होने के बावजूद सबसे ज्यादा संकट में किसान हैं, वह अन्नदाता हैं अन्नदाता हमें रोटी देते हैं, जो हमें पहनने के लिये कपड़े देता हैं, विकास के लिये अगर जमीन चाहिये तब भी हमारा किसान ही जमीन दे रहा है। इसके बावजूद आज सबसे ज्यादा दुखी वही हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘किसान तरक्की के खिलाफ नही हैं लेकिन आज किसान आंदोलन कर रहे हैं। हमारी समाजवादी पार्टी की सरकार आने पर किसान को उसकी जमीन का उचित मुआवजा मिलेगा।’’
उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी के संकल्प पत्र में पहले पन्ने पर लिखा था कि 2022 तक उप्र के किसानों की कृषि आमदनी को दोगुना करने के लिये विस्तृत रोड मैप तैयार किया जायेगा । सपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री से लेकर भाजपा के कई अन्य नेताओं ने मंच से यह कहा कि 2022 तक हम किसान की आय को दोगुनी कर देंगे।
अखिलेश ने कहा कि उप्र का किसान उप्र की जनता भाजपा से यह जानना चाहती है कि आज किसान की आय क्या हैं? आज जो महंगाई बढ़ गयी हैं, जो कीटनाशक के दाम बढ़ गये हैं, ऐसे में किसानों की आय दोगुनी कब होगी।’
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) को अपनी भाषा पर नियंत्रण रखना चाहिये, कल मैंने एक समाचार चैनल पर उनका साक्षात्कार सुना है। हमारा, आपका मुददों पर झगड़ा हो सकता है लेकिन अगर हमारे पिता जी के लिये कुछ कह रहे हो तो तैयार रहना आपके पिता जी के लिये भी मैं कुछ कह दूंगा। इसलिये मुख्यमंत्रीजी अपनी भाषा नियंत्रित रखें।’’ यादव ने दोहराया कि समाजवादी पार्टी आगामी उप्र विधानसभा चुनाव में 400 सीटें जीतने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि जनता में भाजपा के प्रति भारी गुस्सा है और चुनाव के बाद भाजपा की पराजय निश्चित है।