नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में जबरदस्त हार के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव और आजम खान को एक बार फिर दरकिनार कर दिया है। इस बार मामला विधानसभा में विपक्ष के नेता का था। अखिलेश ने इन दोनों को दरकिनार करते हुये 8वीं बार विधायक चुने गए राम गोविन्द चौधरी को विधानसभा में विपक्ष का नेता बनाया है। सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राम गोविन्द को विधायक दल का नेता मनोनीत किया है। चूंकि सपा सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है, लिहाजा राम गोविन्द विपक्ष के भी नेता होंगे।
बलिया की बांसडीह सीट से विधायक पूर्व कैबिनेट मंत्री राम गोविन्द को अखिलेश का करीबी माना जाता है। उन्हें आजम खां और पूर्व में नेता प्रतिपक्ष रह चुके शिवपाल यादव पर तरजीह देते हुए विधायक दल का नेता चुना गया। आठ बार के विधायक राम गोविन्द वर्ष 1977 में पहली बार तत्कालीन चिलकहर सीट से जनता पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गये थे।
छात्र नेता के रूप में अपने राजनीतिक सफर की शुरआत करने वाले करीब 70 वर्षीय राम गोविन्द राज्य की पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार में बेसिक शिक्षा मंत्री तथा बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री रहे। सपा के मौजूदा विधायकों में वह सबसे वरिष्ठ हैं।
हाल में सम्पन्न विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली सपा को मात्र 47 सीटें हासिल हुई थीं, इसके बावजूद वह मुख्य विपक्षी दल बनने में कामयाब रही। उसकी सहयोगी कांग्रेस को महज सात सीटें ही हासिल हुईं।
चौधरी ने यह भी बताया कि मंगलवार को सपा विधानमण्डल दल की बैठक होगी, जिसकी अध्यक्षता पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव करेंगे।
आगामी 29 मार्च को सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव द्वारा विधायकों की बैठक बुलाये जाने के बारे में पूछने पर चौधरी ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।