लखनऊ. समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि बढ़ते भ्रष्टाचार और सरकारी अराजकता के कारण उत्तर प्रदेश के हालात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथ से निकलते जा रहे हैं और राज्य की बेहतरी के लिए उन्हें कुर्सी छोड़ देनी चाहिए।
अखिलेश ने एक बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश में हालात मुख्यमंत्री के नियंत्रण से बाहर हो चले हैं। पुलिस तंत्र में अराजकता जैसी स्थिति बन रही है, वहीं सचिवालय भ्रष्टाचार का केन्द्र बन गया है। किसान और छोटे कारीगर परेशानी से उबर नहीं पा रहे हैं। कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा राज में अब हालात सुधरने के चूंकि आसार नहीं दिख रहे हैं तो मुख्यमंत्री को प्रदेश की बेहतरी के लिए अपनी कुर्सी छोड़कर प्रस्थान कर जाना चाहिए।’’
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि राज्य के प्राथमिक स्कूलों में 69,000 शिक्षकों की भर्ती में हुआ घोटाला राज्य का सबसे बड़ा घोटाला है। इसका सरगना भाजपा से जुड़ा बताया जाता है। बेसिक शिक्षा में अनामिका और प्रियंका जैसी कितनी ही फर्जी शिक्षिकाओं की भर्ती हुई है। खबर है कि लखनऊ विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों में भी कुछ अनामिकाएं हैं।
अखिलेश ने सचिवालय में पशुपालन विभाग के दफ्तर में एक समानांतर कार्यालय चलाकर करीब 10 करोड़ की ठगी के खुलासे की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘‘सचिवालय के अंदर बड़े चेहरे और बड़े अफसर भी नौकरियां और बड़े ठेके दिलाने के नाम पर लोगों को ठगने का धंधा चला रहे हैं। सचिवालय के अन्दर एक फर्जी कार्यालय भी खुल गया और सरकार को खबर नहीं हुई।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार अपनी सत्ता गंवाने के अंदेशे से मानसिक संतुलन खो बैठी है। वह जाते -जाते भ्रष्टाचार से अपनी थैलियां भर लेना चाहती है।