लखीमपुर खीरी. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई घटना पर जमकर सियासत की जा रही है। विपक्षी पार्टियां और किसान संगठन के लोग लगातार केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्रा को मंत्री पद से हटाने की मांग की है। इस बीच सोमवार को एकबार फिर से अजय मिश्रा ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने लखीमपुर खीरी की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि ये हमला उनके बेटे की हत्या के लिए भी हो सकता है।
उन्होंने कहा, "वीडियो में स्पष्ट है कि कुछ लोग मार रहे हैं और ये भी कह रहे हैं कि तुम मंत्री जी का नाम लो। मेरी गाड़ी कार्यकर्ताओं को लेकर जा रही थी, शायद उन्होंने उसे देखकर ये समझा हो कि मेरा बेटा उसमें है। उसकी हत्या करने के लिए भी ये हमला हो सकता है।"
प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान उन्होंने ये भी कहा कि ये सामने आया है कि जिस शख्स की कल मौत हुई वह बहराइच के नानपारा का रहने वाला था। एक प्रदर्शनकारी समाजवादी पार्टी की रुद्रपुर इकाई का जिलाध्यक्ष हैं। ऐसे कई लोग शामिल थे। एफआईआर दर्ज की जाए और जांच कराई जाए। उन्होंने आगे कहा कि हमारी मुख्यमंत्री से मांग है कि हमारे जो कार्यकर्ता मारे गए हैं उन्हें 50-50 लाख रुपये का मुआवज़ा दिया जाए और इस घटनाक्रम की जांच हो। हमारे कार्यकर्ता मरे हैं, हमने तहरीर दे दी है। हम हर जगह पूछताछ के लिए तैयार हैं, हमें कानून पर विश्वास है।
'जांच में सुबूत सामने आएंगे तो स्थिति अपने आप साफ हो जाएगी'
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने एक सवाल पर कहा कि उन्हें यह नहीं मालूम कि रविवार को हुई वारदात में किसानों की मौत किन परिस्थितियों में हुई। अपने बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने से संबंधित सवाल पर मिश्रा ने कहा, "इस एफआईआर का कोई औचित्य नहीं है और अगर मुकदमा दर्ज किया गया है तो यह गलत तथ्यों पर आधारित होगा। मुझे शासन पर पूरा विश्वास है। जब जांच में सुबूत सामने आएंगे तो स्थिति अपने आप साफ हो जाएगी।"राकेश टिकैत पर साधा निशाना
सरकार से अपनी बर्खास्तगी की भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत की मांग के बारे में पूछे जाने पर मिश्रा ने कहा, "राकेश टिकैत लगातार इस देश में अस्थिरता फैलाने का काम कर रहे हैं। वह ऐसी हर घटना पर राजनीति करते हैं। ऐसे में उन्हीं पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए।" गौरतलब है कि रविवार को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव में आयोजित किए जा रहे एक कार्यक्रम में शिरकत करने के विरोध को लेकर भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई। आरोप है कि मिश्रा के बेटे आशीष ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी जिससे उनकी मौत हुई। इस मामले में आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।