सम्भल (उत्तर प्रदेश)। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के मुखिया और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पिछले रविवार को जारी जनसंख्या नीति को महिलाओं के खिलाफ बताया है। ओवैसी ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि उत्तर प्रदेश में दो से ज्यादा बच्चे वाले लोगों को सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित करने के प्रावधान वाली जनसंख्या नीति से राज्य की महिलाओं को सबसे ज्यादा नुकसान होगा।
संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है
ओवैसी ने जनसंख्या नीति की वैधानिकता पर सवाल उठाते हुए कहा, "आप यह कहते हैं कि दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों को राशन नहीं मिलेगा। यह संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है। आबादी आपकी ताकत है लेकिन आप उसे कमजोरी बना रहे हैं। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि भाजपा जनता से किए गए तमाम वादे पूरे करने में नाकाम रही है।"
ओवैसी ने राज्य की योगी सरकार की तरफ से प्रस्तावित 'जनसंख्या नियंत्रण पॉलिसी' को केन्द्र सरकार के खिलाफ फैसला करार दिया। ओवैसी ने कहा, "हम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से पूछना चाहते हैं कि 22 नवंबर 2019 को लोकसभा में मोदी सरकार ने एक जवाव में कहा था कि उत्तर प्रदेश में कुल पदों के मुकाबले सिर्फ 30% डॉक्टर ही काम कर रहे हैं और योगी सरकार कह रही है कि वह जनसंख्या पर नियंत्रण करेगी।" उन्होंने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार दिसंबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट में दिए अपने हलफनामे में यह बता चुकी है कि अंतरराष्ट्रीय अनुभव यह बताता है कि इससे 'जनसांख्यिकीय विकृति' पैदा हो जाएगी।
एआईएमआईएम चीफ ने कहा कि हमारा मानना है ये कि टीएफआर रेट (टोटल फर्टिलिटी रेट), अगर 2000 की पॉपुलेशन पॉलिसी को देखेंगे तो बिना किसी पॉलिसी के 3.2 से घटकर 2018 में 2.2 पर आ गया, ये कैसे आया? दूसरी बात ये कि मोदी सरकार ने दिसंबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट को हलफनामे में कहा कि अंतरराष्ट्रीय अनुभव यह जाहिर करता है कि किसी तरह की जबरदस्ती से जनसांख्यिकीय विकृति पैदा हो जाएगी।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार हमारा संगठन 70 ज़िलों में मज़बूत है। प्रदेश में हम अपने संगठन को मज़बूत करेंगे। 80-100 विधानसभा सीटों पर लगभग 70% बूथों पर AIMIM पार्टी की पकड़ है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले रविवार को 'जनसंख्या नीति 2021-30' जारी की। इससे संबंधित प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण विधेयक के एक मसौदे के अनुसार, उत्तर प्रदेश में दो-बच्चों की नीति का उल्लंघन करने वाले लोगों को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने, सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने, पदोन्नति और किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी प्राप्त करने से वंचित कर दिया जाएगा। राज्य विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण एवं कल्याण) विधेयक-2021 का प्रारूप तैयार कर लिया है।