आगरा: आगरा के कुरुगवां गांव स्थित कोविड केयर सेंटर से 24 कोरोना मरीज उस वक्त भाग गए जब हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के लिए गांव पहुंची थी। मरीजों का कहना था कि वे आगरा के अस्पतालों में नहीं जाएंगे। उनका यहीं इलाज होना चाहिए। इस घटना से लोगों में दहशत है। कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है।
पंचायत चुनाव के बाद गांव में खांसी-जुकाम और बुखार फैल गया। 20 अप्रैल से छह मई तक यहां 14 लोगों की मौत हो गई। इसमें दो दिन में सात लोगों की मौत से हाहाकार मच गया था। हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम ने गांव आकर लोगों की कोरोना जांच कराई तो 17 लोग पॉजिटिव पाए गए। इनके लिए गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में कोविड सेंटर बनाकर सभी को आइसोलेट कर दिया गया। गांव में मरीजों के लिए दवाओं से लेकर ऑक्सीजन सिलेंडर और पीपीई किट भी मुहैया करा दी थीं। उसके कुछ दिन बाद जब टीम दोबारा से गांव में सैंपलिंग के लिए गई तो उसमें से 10 लोग फिर से कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इन लोगों का इलाज माध्यमिक स्कूल को कोविड सेंटर बनाकर किया गया।
ग्रामीणों ने बताया कि हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम पुलिस के साथ बुधवार को फिर गांव पहुंची। उन्होंने बताया कि 27 संक्रमितों में से चार की रिपोर्ट नेगेटिव थी। जबकि, एक नए व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। यानि कुल 24 मरीज प्राथमिक विद्यालय में चारपाइयों पर थे। टीम ने उन्हें एसएन मेडिकल, जिला अस्पताल, नेमीनाथ हॉस्पिटल में भर्ती कराकर इलाज की सलाह दी थी। टीम का कहना था कि यहां ठीक इलाज नहीं हो पा रहा है। इस पर मरीजों ने चिल्लाना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि वे यहां चाहे मर जाएं, जमीन में दफना दीजिए मगर आगरा के अस्पताल नहीं जाएंगे। पता नहीं क्या होगा। कौन देखेगा...? तमाम लोगों के मरने की सूचना मिल रही है। इसी बीच गांव की तरफ एंबुलेंस आती देखकर मरीज भाग खड़े हुए। वे धीरे-धीरे गांव की ओर निकल गए। रात तक उनका कोई सुराग नहीं लगा। ये सूचना गांव में फैलते ही लोग भी डर गए। फिलहाल कोरोना मरीजों की तलाश जारी है।