नई दिल्ली: गोरखपुर में भाजपा की हार से विरोधी तो प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर उंगली उठा रहे हैं तो वहीं कुछ भाजपा के नेता भी हैं जो उनको हार का जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। सवाल उठे तो सीएम योगी ने जवाब दिए, बोले कार्यकर्ताओं ने बाई इलेक्शन को हल्के में लिया, उम्मीदवार भी ओवर कॉन्फिडेंस में रहे। समर्थक वोट डालने नहीं गए जिसकी वजह से हार का मुंह देखना पड़ा। सीएम बनने के बाद से योगी लगातार गोरखपुर के दौरे करते रहे इसके बावजूद उपचुनाव में भाजपा सपोर्टर वोट डालने पोलिंग बूथ नहीं गए। योगी के मुताबिक कम मतदान भी हार की एक वजह रहा।
उपचुनावों में मिली हार को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि गोरखपुर और फूलपुर में अति आत्मविश्वास से हार हुई। अति आत्मविश्वास घातक होता है। मैं जितनी भी बार गोरखपुर गया, कार्यकर्ताओं ने कहा कि चुनाव जीत रहे हैं। अति आत्मविश्वास में कार्यकर्ता उदासीन हो गए। उन्होंने काम नहीं किया तो मतदाता भी उदासीन हो गए। कार्यकर्ताओं को लगा कि यह तो योगीजी की सीट है। योगीजी है तो सब ठीक है। उनकी सीट तो हम जीत ही लेंगे। कार्यकर्ताओं को समझना होगा कि कितना भी भरोसा क्यों न हो, चुनाव में पूरी तैयारी के साथ उतरना चाहिए।
हार की वजह बताने के बाद योगी आदित्यनाथ ने एसपी-बीएसपी के गठबंधन पर भी कमेंट किया। उन्होंने कहा कि ये गठबंधन अवसरवादी है, एक दूसरे के फायदे के लिए गठबंधन हुआ। उन्होंने ये भी कहा कि यही लोग पहले ईवीएम पर सवाल उठाते थे और आज जब खुद जीत गए तो ईवीएम सही हो गई है। उन्होंने कहा कि हम सही समय से थोड़ा पहले गिर गए हैं तो संभलने का समय मिलेगा और हम 2019 में जरूर जीतेंगे।
सीएम योगी ने एसपी-बीएसपी गठबंधन पर वार किया तो अखिलेश यादव ने भी योगी पर पलटवार किया। अखिलेश बोले भाजपा को गोरखपुर और फूलपुर की जनता ने हराया है। इससे बड़ी जीत क्या होगी। योगी अपने घर में ही हार गए और फूलपुर में कमल का फूल मुरझा गया। उन्होंने ये भी कहा कि इस नतीजे से अब कम से कम उनकी भाषा बदल जाएगी। पहले न जाने कैसी भाषा का इस्तेमाल करते थे, अब यह बदलेगी।
बाई इलेक्शन के नतीजों का असर भाजपा में भी दिख रहा है। कुछ भाजपा के नेता भी इस हार से खुश दिखाई दिये। इलाहाबाद से भाजपा के सांसद श्याम चरण गुप्ता ने कहा कि कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की वजह से हार हुई तो भाजपा के टिकट पर आजमगढ़ से लोकसभा इलेक्शन लड़े रमाकांत यादव ने हार के लिए सीधे सीधे योगी को जिम्मेदार ठहरा दिया।
चुनाव नतीजों के बाद भाजपा के कुछ नेता और आलोचक भले ही योगी की लीडरशिप पर सवाल उठा रहे हों,लेकिन योगी ने दावा किया कि इन नतीजों ने उनके लिए वेकअप कॉल की तरह काम किया है। अब वो आने वाले चुनावों में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे और 2019 के लोकसभा चुनाव में 2014 वाला प्रदर्शन ही दोहराएंगे।