लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव से पहले सता पर काबिज होने के लक्ष्य को लेकर समाजवादी पार्टी से गठजोड़ करने वाली कांग्रेस पार्टी ने अब अपने दरवाजे अन्य दलों के प्रभावशाली असंतुष्ट नेताओं के लिए खोल दिए हैं। कांग्रेस पार्टी ने यह कदम 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उठाया है। कांग्रेस के एक नेता ने अपना नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि बहुजन समाज पार्टी के पूर्व नेता नसीमुददीन सिद्दीकी के हाल ही में कांग्रेस में शामिल होने के साथ ही यह काम शुरू हो गया है और अभी पार्टी में कुछ और ऐसे चेहरे आ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भगवा पार्टी को रोकने के लिए जरूरी है कि एक महागठबंधन बनाया जाए लेकिन इसकी संभावना बहुत कम दिखाई दे रही है। कांग्रेस को ऐसा लग रहा है कि उसे इस बार अकेले ही चुनाव लड़ना पड़ सकता है इसलिए उसने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। विभिन्न कारणों से अन्य पार्टियों में हाशिये पर पड़े नेता अब कांग्रेस में आ रहे हैं और इन नेताओं के कांग्रेस में आने से पार्टी को जमीनी स्तर पर काफी मजबूती मिलेगी। हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए नसीमुददीन सिद्दीकी ने कुछ दिन पहले कहा भी था कि उनके पास बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं का एक बडा नेटवर्क है जिसका फायदा अब कांग्रेस को मिलेगा। सिद्दीकी ने हाल ही में कांग्रेस का दामन अपनी पत्नी हुसना और बेटे अफजल के साथ थामा है।
सिद्दीकी के कांग्रेस में शामिल होने पर प्रदेश कांग्रेस के एक नेता संजय दीक्षित ने विरोध के स्वर दिखाए तो पार्टी ने उन्हें 6 साल के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया। कांग्रेस प्रवक्ता द्विजेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि सभी पार्टियां अपने संगठन को मजबूत करने में लगी है, ऐसे में कांग्रेस उनसे अलग नहीं है। लोकसभा चुनाव बहुत महत्तवपूर्ण है इसलिए सभी पार्टियों की तरह कांग्रेस भी अपना संगठनात्मक ढांचा मजबूत करने में लगी है।