उत्तर प्रदेश में गायों पर मौसम काल बनकर मंडरा रहा है। शुक्रवार को बिजली गिरने से प्रयागराज में 35 गायों की मौत के बाद अब अयोध्या में 30 गायों की मौत की खबर आई है। इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि गोशाला में मृत गायों के पोस्टमार्टम के बिना ही रखवालों ने शवों को गोशाला में ही दफनाने के लिए जेसीबी मशीन का इस्तेमाल किया।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार उत्तर प्रदेश में अयोध्या के अलावा प्रतापगढ़ में भी 6 गायों की मौत की खबर है। बताया जा रहा है कि ये 6 गायों की बारिश के पानी से बने दलदल में फंसने से मौत हुईं। प्रतापगढ़ के मंत्री मोती सिंह ने घटना के जांच के आदेश दिए हैं।
मौसम से ज्यादा अनदेखी की मार
अयोध्या के एक पशु चिकित्सक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "इन गोशालाओं में गायों को खुले में छोड़ दिया जाता है, जिससे ये लगातार हो रही बारिश में भीगतीं रहती हैं। चूंकि गोशालाओं में कोई फर्श नहीं होता है, तो लगातार बारिश होने पर कीचड़ दलदल में बदल जाता है और जानवर इसमें फंस जाते हैं। जिन गोशालाओं में टीन की छतें डाली गई हैं, उनकी हालत भी खराब होती है। कई बार बारिश के दौरान तेज हवाओं में वे उड़ भी जाती हैं।"
गौशाला में दफनाना भी हानिकारक
सूत्रों ने कहा कि गोशालाओं में गायों को चारा भी नियमित रूप से उपलब्ध नहीं कराया जाता है। ऐसे में भूख की वजह से कई गायों की मौत हो सकती है। डॉक्टर ने कहा कि गोशाला में ही शवों को दफनाने से आने वाले दिनों में संक्रमण से और अधिक मौतें होंगी। गौरक्षा उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि सभी जिलों में आवारा गायों के लिए गोशालाएं स्थापित की जाएं।