आगरा: तापमान तेजी से बढ़ने के साथ, आगरा में जीवनी मंडी स्थित वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट (जलकल विभाग) के अंदर चार फुट लंबा रेट स्नेक आ गया, जिसे वाइल्डलाइफ एसओएस की टीम ने रेस्क्यू किया। सांप को कुछ घंटों तक निगरानी में रखा गया और बाद में वापस जंगल में छोड़ दिया गया। एक वन्य जीव के अधिकारी ने कहा, जैसे ही गर्मी पूरे उत्तर भारत में बढ़ती है, कई सांपों की प्रजातियां ठंडी जगह पर आने लगती हैं।
बताया गया है कि आगरा के जीवनी मंडी स्थित जलकल विभाग के वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में राहत पाने के लिए एक रेट स्नेक ने प्लांट के फिल्टर बेड एरिया में शरण ली। वाइल्डलाइफ एसओएस टीम को उनके हेल्पलाइन नंबर पर इसकी सूचना दी गई, जिसके बाद वन्यजीव संरक्षण संस्था से दो सदस्यीय टीम को स्थान पर भेजा गया। राघवेन्द्र सिंह, सुरक्षा अधिकारी ने बताया, जीवनी मंडी का पानी के प्लांट के पास यमुना नदी है, इसलिए परिसर में अक्सर सांप या मॉनिटर लिजर्ड दिखती रहती हैं।
रेट स्नेक विषैले ओरिएंटल रेट स्नैक के नाम से भी जाने जाते हैं, यह रेट स्नेक एक गैर विषैली प्रजाति है। यह शहरी क्षेत्रों में अक्सर देखे जाते हैं। ये कोबरा की तरह भी दिखते हैं। रेट स्नेक जहरीले नहीं होते पर इनके काटने पर बहुत दर्द हो सकता है।
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, जैसे-जैसे तापमान में बढ़ोतरी होगी, ये सांप गर्मी और थकावट से राहत पाने के लिए अपने प्राकृतिक आवास से बाहर निकलने पर मजबूर होंगे। चूंकि सांपों के शरीर का तापमान पर्यावरण के साथ बदलता रहता है, इसलिए अधिक गर्मी में वे बहुत गर्म हो जाते हैं और अपने शरीर के तापमान को स्वयं नियमित करने में असमर्थ होते हैं। गर्मियों के दौरान सांपों से जुड़ी रेस्क्यू कॉल बढ़ जाती हैं, इसलिए हम लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे हमारी हेल्पलाइन पर ऐसी किसी भी घटना की सूचना अवश्य दें।
वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंजरवेशन प्रोजेक्ट्स बैजूराज एम.वी, ने कहा, हमें अक्सर आगरा के जीवन वाटर प्लांट में सांप की शिकायत मिलती है। हालांकि रैट स्नेक जहरीले नहीं होते, लेकिन उकसाए जाने पर वे बचाव में काट भी सकते हैं। इसलिए, किसी भी सांप को रेस्क्यू करते समय टीम को अधिक सतर्कता बरतनी पड़ती है।