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टूट की कगार पर मायावती की पार्टी, निलंबित बीएसपी विधायकों ने उठाया यह कदम

उत्तर प्रदेश में विधानासभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) में विद्रोह हो गया है। विधानसभा का बजट सत्र शुरू होते ही बीएसपी के कुल 15 विधायकों में से 9 बागी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष ह्रदयनारायण दीक्षित से मुलाकात कर विधानसभा सदन में अलग से बैठने की मांग की है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: February 19, 2021 0:00 IST
9 BSP MLAs demands separate seat in UP Assembly, Mayawati upset- India TV Hindi
Image Source : PTI उत्तर प्रदेश में विधानासभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) में विद्रोह हो गया है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानासभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) में विद्रोह हो गया है। विधानसभा का बजट सत्र शुरू होते ही बीएसपी के कुल 15 विधायकों में से 9 बागी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष ह्रदयनारायण दीक्षित से मुलाकात कर विधानसभा सदन में अलग से बैठने की मांग की है। इसपर विधानसभा अध्यक्ष ने उनसे कहा कि वे जहां पहले से बैठते रहे हैं, वहीं बैठें। इसके बाद बागी विधायक बीएसपी खेमे में जाकर बैठें। मगर बीएसपी में दो-फाड़ होने का खतरा गहराता जा रहा है। बीएसपी के 9 विधायकों के बागी हो जाने के बाद अब पार्टी के पास मात्र 9 विधायकों की संख्या बची है।

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने बगावत करने वाले सातों विधायकों- असलम राइनी (भिनगा-श्रावस्ती), चौधरी असलम अली (धौलाना-हापुड़), मो. मुज्तबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-प्रयागराज), हाकिम लाल बिंद (हांडिया- प्रयागराज), डॉ. हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर), सुषमा पटेल (मुंगरा बादशाहपुर जौनपुर) और वंदना सिंह (सगड़ी-आजमगढ़) को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निलबिंत कर दिया है। इन विधयकों को बुधवार को बीएसपी विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया गया था इसीलिए इन सातों विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर सदन में अलग से बैठने की मांग की।

दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राज्यपाल का अभिभाषण शुरू होने से पहले भिगना के विधायक असलम राइनी, धौलाना के असलम चौधरी, सिधौली के हरगोविंद भार्गव और प्रतापपुर के विधायक मुज्तबा सिद्दीकी ने विधानसभा अध्यक्ष दीक्षित से उनके कक्ष में मुलाकात की। विधायकों का कहना था कि बीएसपी से उनको निलंबित किया गया है, इसलिए सदन में उनके बैठने की अलग व्यवस्था की जाए। दीक्षित ने निलंबन की विधिवत जानकारी बीएसपी की ओर से न मिलने की बात कही। उन्होंने कहा कि अलग बैठने की व्यवस्था करने की यह ठोस वजह नहीं है, इसलिए पुरानी व्यवस्था के अनुसार ही बैठें।

अलग बैठने की सीट मांगने पर सफाई देते हुए विधायक असलम राइनी ने आरोप लगाया कि बीएसपी महासचिव सतीश मिश्र पार्टी को खत्म करने पर तुले हैं। एक-एक कर पुराने कार्यकर्ताओं को बाहर किया जा रहा है। मिश्र के इशारे पर ही उनको विधायकों की बैठक में भी नहीं बुलाया गया। उधर, बीएसपी विधानमंडल दल नेता लालजी वर्मा ने कहा कि निलंबन या निष्कासित करने का फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ही करती हैं। उनको इस बारे में अधिक कुछ नहीं कहना है।

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