नोएडा/लखनऊ। राजधानी दिल्ली से सटे गौतम बुद्ध नगर में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। गौतम बुद्ध नगर में रविवार (28 जून) को कोरोना संक्रमण के 82 नए मामले सामने आए हैं। राष्ट्रीय राजधानी से सटे उप्र के गौतमबुद्धनगर में कोरोना वायरस के कुल संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 2151 पर पहुंच गया है। जिला प्रशासन की तरफ से उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, इस दौरान एक मरीज की मृत्यु भी हुई है, और मृतकों की कुल संख्या 22 हो गई है। अब तक 1219 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं, और जिले में फिलहाल 910 संक्रमित मरीजों का उपचार किया जा रहा है।
हालांकि, यहां पिछले 24 घंटे में 83 लोग ठीक होकर अबतक कुल 1219 लोग डिस्चार्ज किए जा चुके हैं। यहां पिछले 24 घंटे में एक व्यक्ति की कोविड-19 से मौत हुई है जिसके बाद जिले में कोरोना से मरने वालों की संख्या 22 हो गई है।
सरकारी आंकड़े के अनुसार, गौतमबुद्धनगर उप्र में इस वक्त संक्रमण के मामले में पहले स्थान पर है। दूसरे स्थान पर गाजियाबाद है, जहां 60 नए संक्रमित मरीज सामने आए हैं, और जिले में कुल 715 एक्टिव संक्रमित मरीजों का इलाज अस्पतालों में किया जा रहा है। गाजियाबाद में अब तक कुल 628 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। वहीं अब तक जिले में संक्रमण से 50 लोगों की मृत्यु भी हो चुकी है।
जिला प्रशासन के अनुसार, गौतमबुद्धनगर में कोरोना मामलों की संख्या बढ़ने के साथ नए कंटेनमेंट जोन बनाए जा रहे हैं, और वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए रविवार को जिले के 37 स्थानों पर सेनिटाइजेशन अभियान चलाया गया।
उत्तर प्रदेश में 30 जून तक नमूना परीक्षण क्षमता 25000 प्रतिदिन करने के निर्देश
उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी जिलों में ज्यादा से ज्यादा लोगों की कोविड-19 जांच के आदेश देते हुए आगामी 30 जून तक नमूना परीक्षण क्षमता 25000 प्रतिदिन करने के निर्देश दिए हैं। राज्य के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा के दौरान अधिकारियों से कहा कि जिलों में अधिकतम संख्या में नमूना परीक्षण किया जाये, ताकि संक्रमित व्यक्तियों की जल्द से जल्द पहचान कर उन्हें पृथक किया जा सके। उन्होंने राज्य में 20 हजार परीक्षण क्षमता को 30 जून तक 25 हजार करने के प्रयास सुनिश्चित करने के निर्देश दिए और यह भी कहा कि परीक्षण क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ चिकित्सालयों में आवश्यकतानुसार बेड, कर्मचारी तथा आवश्यक उपकरणों की संख्या की वृद्धि के लिये भी लगातार कोशिश की जाए।
तिवारी ने कहा कि मेरठ मण्डल में आगामी जुलाई के प्रथम सप्ताह में एक विशेष कार्यक्रम के तहत घर-घर जाकर स्क्रीनिंग की जानी है और इसके लिये स्वास्थ्य विभाग शत-प्रतिशत घरों की स्क्रीनिंग का कार्य निर्धारित समय में पूरा कराने के लिए आवश्यक रणनीति समय से तैयार करे। उन्होंने कहा कि इस अभियान के दौरान जिलों में रैपिड रेस्पाँस टीम एवं एम्बुलेंस को तैयार रखा जाये, जिससे सूचना प्राप्त होते ही उचित कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके।
उन्होंने कहा कि मेडिकल स्क्रीनिंग के समय पल्स पोलियो अभियान की तरह घरों की मार्किंग भी की जाये तथा किसी व्यक्ति में कोविड-19 के लक्षण पाये जाने पर उसका पल्स आक्सीमीटर तथा रैपिड एन्टीजन टेस्ट कराया जाये एवं संक्रमित होने की दशा में ऐसे व्यक्ति को तत्काल कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जाये।
तिवारी ने कहा कि निषिद्ध क्षेत्र में सख्ती बरतते हुये आवागमन को रोका जाये तथा केवल आवश्यक सेवाओं एवं चिकित्सीय सुविधा के लिए ही टीमों को आने-जाने दिया जाये। उनके अनुसार सरकारी कार्यालयों, उद्योगों तथा ऐसे समस्त स्थानों पर जहां पर बड़ी संख्या में लोग आते हैं, वहां कोविड हेल्प डेस्क स्थापित करने के कार्य में तेजी लायी जाये। मेडिकल स्क्रीनिंग के दौरान किसी व्यक्ति में कोविड के लक्षण पाये जाने पर तत्काल कण्ट्रोल रूम को सूचित किया जाये। (इनपुट- भाषा)