लखनऊ: कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष के हमलों के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने आज पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल करते हुए 67 आईपीएस अधिकारियों के तबादले कर दिये। माना जा रहा है कि यह फेरबदल राज्य के कुछ हिस्सों में अपराध बढने की खबरों के परिप्रेक्ष्य में हुआ है। राज्य विधानसभा के चल रहे सत्र में विपक्ष लगातार सरकार को इस मुद्दे पर घेर रहा है।
आज के तबादलों के साथ ही योगी आदित्यनाथ सरकार ने सत्ता संभालने के बाद से अब तक लगभग 200 आईपीएस अधिकारियों का स्थानांतरण किया है। अपर पुलिस महानिदेशक (पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड) एस एन सावत को इलाहाबाद जोन का एडीजी नियुक्त किया गया है।
तबादला सूची में बरेली, इलाहाबाद, झांसी, हमीरपुर, बागपत, ललितपुर, महाराजगंज और एटा जैसे जिलों में तैनाती शामिल हैं। इन जिलों में जिन अधिकारियों की तैनाती की गयी है, वे पुलिस अधीक्षक से लेकर पुलिस उपमहानिरीक्षक स्तर के हैं। इस कदम को पुलिस तंत्र मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल कहा था कि अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण नहीं हासिल होगा।
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विपक्ष लगातार सरकार पर आरोप लगा रहा है कि कानून व्यवस्था की स्थिति अत्यंत खराब हो गयी है। योगी ने कहा, जहां तक कानून व्यवस्था का प्रश्न है, जाति, मत और मजहब के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा। मामलों को निपटाने के लिए समयसीमा तय की गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस (जरा भी बर्दाश्त नहीं करने) की नीति अपनायी जाएगी।
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