अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश)। अलीगढ़ में जहरीली शराब कांड को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कलानिधि नैथानी द्वारा गठित 6 टीमों ने बड़ी कार्रवाई की है। जहरीली शराब कांड में तथाकथित ठेके के सेल्समैन ,संचालक, पर्यवेक्षक, ठेका मालिक समेत अब तक 6 अभियुक्तों को तत्परता से 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार किया गया है। गैंगस्टर अधिनियम एवं रासुका से संबंधित कार्रवाई भी प्रचलित कर दी गई है। तीन थानों में संगीन धाराओं में दर्ज मुकदमों से संबंधित गिरफ्तार अभियुक्तों से संदिग्ध दस्तावेज, अवैध देशी शराब, कई सौ ढक्कन, बारकोड, रैपर एवं वैगनआर कार बरामद की गयी है। और आगे भी लगातार कार्यवाही की जा रही है।
अलीगढ़ में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या 22 पहुंची
जिले में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या शनिवार को बढ़कर 22 हो गई और 28 लोग गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। वहीं, दूसरी ओर स्थानीय भाजपा सांसद का दावा है कि मरने वालों का आकड़ा 30 से अधिक है। जिला प्रशासन के एक प्रवक्ता के अनुसार शुक्रवार रात से सात और लोगों की मौत हुई है जिससे मृतकों की संख्या 22 हो गई है। उन्होंने कहा कि जिन 22 लोगों का पोस्टमॉर्टम किया गया, उनकी सूची उपलब्ध करा दी गई है।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल और मलखान सिंह जिला अस्पताल में शुक्रवार रात भर्ती होने वाले कम से कम 28 मरीजों की स्थिति अब भी गंभीर है। स्थानीय लोगों के अनुसार और अपुष्ट सूचनाओं के अनुसार मरने वालों की संख्या "काफी अधिक" है क्योंकि कई गांवों से रिपोर्ट अभी भी आ रही है। इस बीच, अलीगढ़ से भारतीय जनता पार्टी के सांसद सतीश गौतम ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें क्षेत्र से जो खबरें मिल रही हैं, उनके मुताबिक मरने वालों का आंकड़ा 30 से अधिक है।
उन्होंने बताया कि अभी तक एक पुलिस थाना क्षेत्र में अवैध शराब पीने से प्रभावित लोगों के बारे में जानकारी मिल रही थी, लेकिन अब कम से कम तीन थाना क्षेत्र के लोगों के प्रभावित होने की जानकारी मिल रही है। यह पूछे जाने पर कि जिन लोगों का गांवों में अंतिम संस्कार बिना पोस्टमॉर्टम किए ही हो गया है, क्या उनके परिजनों को भी प्रशासन द्वारा प्रदान की जाने वाली अनुग्रह राशि मिलेगी, सांसद ने कहा कि स्थानीय पुलिस प्रशासन के अधिकारी विभिन्न गांवों का दौरा करेंगे और ग्राम प्रधानों से उन लोगों के बारे में जानकारी हासिल करेंगे जिनका अंतिम संस्कार बिना पोस्टमॉर्टम के कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि वह प्रयास करेंगे कि ऐसे लोगों के परिजनों को भी अनुग्रह राशि प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई जाए। गौतम ने कहा कि उन्होंने आज सुबह मुख्यमंत्री से बात की और उन्हें स्थिति से अवगत कराया। अपर जिलाधिकारी (वित्त) विधान जायसवाल ने शुक्रवार रात बताया था कि जिला प्रशासन की जांच में पाया गया है कि शराब से प्रभावित अधिकतर लोग तीन थाना क्षेत्रों-लोढा, खैर और जांवा के हैं। जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने 22 लोगों की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि मृतकों की सही संख्या पोस्टमॉर्टम के बाद ही पता चलेगी क्योंकि हो सकता है कुछ लोगों की मौत किसी अन्य कारण से हुई हो।
सिंह ने कहा कि मजिस्ट्रेट जांच में मृतकों की सही संख्या का पता लग सकेगा। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने शनिवार को संवाददाताओं को बताया कि जहरीली शराब रैकेट के सरगना अनिल चौधरी समेत शुक्रवार देर रात तक कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने तीन अलग-अलग मामलों में 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। रातभर जिले के विभिन्न हिस्सों में कई छापे मारे गए और अभी भी छापे जारी हैं। उन्होंने कहा कि शराब कारोबारी अनिल चौधरी के करीबी माने जाने वाले ऋषि शर्मा और विपिन यादव सहित दो फरार व्यक्तियों की गिरफ्तारी के लिए पचास-पचास हजार रुपये के इनाम की घोषणा की गई है।
पुलिस अनिल चौधरी और ऋषि शर्मा के "नेटवर्क" की भी जांच कर रही है जिनके कथित तौर पर मजबूत राजनीतिक संबंध बताए जाते हैं। उन्होंने कहा कि मामले में पुलिस ने पांच शराब के ठेकों को सील कर दिया है और जिले के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम शराब की दुकानों की जांच कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जहरीली शराब से किसी की जान न जाए। मामले में पांच आबकारी अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है। जिलाधिकारी ने पत्रकारों से कहा था कि प्रशासन दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) लगा सकता है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की।