गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि सब्जियों की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश की योगी सरकार राज्य के 20 लाख किसानों को सब्जियों के बीज मुफ्त में देगी। सूर्य प्रताप शाही शुक्रवार को गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में नियोजन विभाग और गोरखपुर विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पूर्वाचल के सतत विकास मुद्दे, रणनीति और भावी दिशा विषयक राष्ट्रीय वेबिनार व संगोष्ठी के दूसरे दिन प्राथमिक क्षेत्र के द्वितीय तकनीकी सत्र की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्वाचल में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए बागवानी या सब्जियों-फलों की खेती बहुत कारगर हो सकती है।
‘हमारी सरकार 20 लाख किसानों को मुफ्त बीज देगी’
शाही ने कहा कि पूर्वांचल में बागवानी के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि इसी कारण हमारी सरकार 20 लाख किसानों को मुफ्त बीज देने जा रही है। सरकार की तरफ से यह कदम किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘अनाज जहां 6 माह में तैयार होता है, वहीं सब्जियां 2 से 3 माह में। जरूरत इस बात की है कि किसानों को ऐसी तकनीकी की जानकारी दी जाए जिससे वे बागवानी से अधिकाधिक आय अर्जित कर सकें। किसानों के पिछड़ेपन का कारण यह है कि उन्हें सामयिक तकनीकी जानकारी नहीं है। कृषि क्षेत्र में विविधीकरण, मल्टी क्रॉपिंग समय की मांग है। इसमें बागवानी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।’
‘आज लगभग सभी जिलों में कृषि विज्ञान केंद्र हैं’
कृषि मंत्री ने कहा, ‘योगी सरकार कृषि क्षेत्र का विकास करने के लिए सतत प्रयास कर रही है। इंटरनेशनल राइस रिसर्च सेंटर फिलीपींस का केंद्र वाराणसी में खोला गया है, राज्य में इंटरनेशनल पोटैटो रिसर्च सेंटर का एक केंद्र खोलने का भी प्रयास जारी है। पिछले 3 साल में 300 करोड़ रुपये कृषि विज्ञान केंद्रों व अन्य कृषि संस्थाओं को दिए गए हैं। आज लगभग सभी जिलों में कृषि विज्ञान केंद्र हैं। मौसम आधारित फसली बीमा में तमाम नए जिलों को शामिल कर महज पांच फीसदी प्रीमियम पर फसल सुरक्षा दी जा रही है। मंडी शुल्क को 2 फीसदी से एक फीसदी कर दिया गया है।’
कृषि मंत्री शाही ने आमों पर भी की बात
उन्होंने कहा, ‘पॉली हाउस के निर्माण पर 50 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध है। पर ड्रॉप मोर क्रॉप योजना के तहत स्प्रिंकलर जैसे कृषि यंत्रों पर 80 से 90 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है। उन यंत्रों से पानी भी बचेगा और संतुलित पानी देने से फसलों का उत्पादन भी अधिक होगा।’ कृषि मंत्री ने कहा कि बीज की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए वैज्ञानिकों को आगे आना होगा। इसी क्रम में आम की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि दशहरी आम यूपी की पहचान रहा है। उन्होंने कहा, ‘उसकी क्वॉलिटी को और ठीक किया जा सकता है। अल्फांसो की टक्कर का गोरखपुर और बस्ती के गौरजीत आम की क्वॉलिटी को बढ़ाकर निर्यात के अवसर बढ़ाए जा सकते हैं।’