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UP में कोरोना स्ट्रेन के 10 मामले, मेरठ में 2 साल की बच्ची मिली पॉजिटिव

मेरठ में 2 साल की बच्ची के पॉजिटिव मिलने के बाद पूरे यूपी में अलर्ट जारी कर दिया गया है। ये बच्ची कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन से पॉजिटिव पाई गई है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : December 30, 2020 12:31 IST
मेरठ में 2 साल की बच्ची...
Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE मेरठ में 2 साल की बच्ची कोरोना के नए स्ट्रेन से पॉजिटिव, पूरे UP में अलर्ट जारी

मेरठ: ब्रिटेन के नए स्ट्रेन पर उत्तर प्रदेश से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। मेरठ में 2 साल की बच्ची के पॉजिटिव मिलने के बाद पूरे यूपी में अलर्ट जारी कर दिया गया है। ये बच्ची कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन से पॉजिटिव पाई गई है। बता दें कि यूपी में ब्रिटेन से 1655 लोग लौटे हैं इनमें से अब तक 10 लोग नए स्ट्रेन से पॉजिटिव मिले हैं। मेरठ के 4, नोएडा के 3, गाजियाबाद के 2 और बरेली में एक शख्स पॉजिटिव मिला है। केंद्र सरकार ने 7 जनवरी तक ब्रिटेन आने-जाने वाली सभी फ्लाइट्स पर रोक लगा दी है।

किस लैब में कोरोना के नए स्ट्रेन के कितने मामले सामने आए हैं? देखें

  • सबसे ज़्यादा केस अब तक दिल्ली में मिले हैं। दिल्ली की लैब में हुई टेस्टिंग में 8 सैंपल में कोरोना का नया स्ट्रेन मिला है.।
  • इसके अलावा कल्याणी और पुणे की लैब में 1-1 केस सामने आया है।
  • जबकि बैंग्लोर में भी अब तक 7 और हैदराबद में 2 केस सामने आ चुके हैं।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र (एनसीडीसी) में जांच के दौरान आठ मामले, कल्याणी (कोलकाता के पास) स्थित ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स’ (एनआईबीएमजी) में एक मामला, पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) में एक मामला, बेंगलुरू के राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं स्नायु विज्ञान अस्पताल (निमहांस) में सात मामले, हैदराबाद के कोशिकीय एवं आणविक जीव विज्ञान केंद्र (सीसीएमबी) में दो मामले और दिल्ली के जिनोमिकी और समवेत जीव विज्ञान संस्थान (आईजीआईबी) में एक मामला सामने आया।

मंत्रालय ने मंगलवार को कहा था कि ब्रिटेन से आए छह लोग वायरस के नए प्रकार से संक्रमित पाए गए हैं। इन सभी लोगों को चिह्नित स्वास्थ्य सेवा केन्द्रों में अलग पृथक-वास कक्षों में रखा है और उनके सम्पर्क में आए लोगों को भी पृथक-वास में रखा गया है। उसने बताया कि इन लोगों के साथ यात्रा करने वाले लोगों, उनके परिवार के सदस्यों और उनके सम्पर्क में आए लोगों का पता लगाया जा रहा है। अन्य नमूनों का जीनोम अनुक्रमण किया जा रहा है।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘हालात पर निकटता से नजर रखी जा रही है और सतर्कता बढ़ाने, संक्रमण को रोकने, जांच बढ़ाने और नमूनों को आईएनएसएसीओजी प्रयोगशालाओं में भेजने के लिए राज्यों को नियमित सलाह दी जा रही है।’’ उसने कहा कि यह गौर करने वाली बात है कि सबसे पहले ब्रिटेन में मिला वायरस का नया स्वरूप डेनमार्क, हॉलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर में भी पाया गया है। मंत्रालय ने बताया कि 25 नवम्बर से 23 दिसम्बर के बीच करीब 33,000 यात्री ब्रिटेन से भारत के विभिन्न हवाईअड्डों पर पहुंचे। इन सभी यात्रियों का पता लगाया जा रहा है और केन्द्र तथा राज्य सरकार इनकी आरटी-पीसीआर जांच करा रही है।

भारत ने विषाणु के उत्परिवर्तित प्रकार (म्यूटेंट वेरिएंट) का पता लगाने तथा इसे रोकने के लिए एक अग्र-सक्रिय रणनीति तैयार की है। इसमें 23 दिसम्बर की मध्यरात्रि से 31 दिसम्बर तक ब्रिटेन से आनेवाली सभी उड़ानों को अस्थायी रूप से रोकने और ब्रिटेन से लौटे सभी हवाई यात्रियों की आरटी-पीसीआर जांच अनिवार्य करना शामिल है।

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