लखनऊ: कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन के आलोक में देश के विभिन्न राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश के करीब 18 लाख लोगों को 1337 श्रमिक ट्रेनों के माध्यम से प्रदेश में वापस लाया जा चुका है । इनमें से सबसे अधिक 474 ट्रेनें गुजरात से आयी है । एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी । अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने 1511 गाड़ियों की व्यवस्था की है । इनमें से 104 ट्रेने अभी रास्ते में हैं । इसके अलावा प्रदेश में मास्क नहीं पहनने पर 13 हजार से अधिक लोगों का चालान किया गया है । प्रदेश के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया कि करीब एक लाख 47 हजार श्रमिक राज्य के सिध्दार्थनगर जिले में आ चुके हैं।
उन्होंने बताया कि इसके बाद महाराजगंज, सीतापुर और हरदोई जिले में क्रमश: एक लाख तीन हजार, 50 हजार तथा 58 हजार श्रमिक वापस आ चुके हैं। उन्होंने बताया कि गोरखपुर में कामगारों/श्रमिकों को लेकर अब तक 219 ट्रेनें आ चुकी हैं और इस प्रकार गोरखपुर रेलवे जंक्शन पूरे देश में सर्वाधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेन रिसीव करने वाला स्टेशन बन गया है। अवस्थी ने बताया कि इसी प्रकार लखनऊ में करीब 89, वाराणसी में 89,जौनपुर में 99, बलिया में 64,आगरा में 10, कानपुर में 17, बरेली में 12, प्रयागराज में 58, रायबरेली में 20, प्रतापगढ में 65, अमेठी में 14, मऊ में 44,अयोध्या में 35, गोंडा में 63, उन्नाव में 27, बस्ती में 67, आजमगढ में 33, कन्नौज में तीन, गाजीपुर में 31, बांदा में 16 ट्रेनों के अलावा अन्य जनपदों में भी गाड़ियां आ चुकी है ।
अवस्थी ने बताया कि देश में सबसे अधिक कामगार उप्र में आये हैं । प्रदेश में 1511 ट्रेनों के माध्यम से 21 लाख से अधिक कामगारों एवं श्रमिकों को वापस लाने की व्यवस्था की गयी है, उन्होंने बताया कि इनमें से अब तक 1337 ट्रेनों से लगभग 18 लाख लोग प्रदेश वापस आ चुके हैं । अधिकारी ने बताया कि संबंधित जनपदों के जिलाधिकारी ट्रेन से आने वाले कामगारों एवं श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण कराकर उन्हें उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि प्रवासी श्रमिको को दूसरे राज्यों से लेकर आने का सिलसिला लगातार जारी है ।
अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य सरकार केंद्र के सहयोग से प्रदेश के श्रमिकों को दूसरे राज्यों से यहां लाना सुनिश्चित कर रही है और प्रदेश आने वाले श्रमिकों की स्क्रीनिंग करते हुए उन्हें पृथक—वास केंद्र में अथवा में घर में ही पृथक रहने तथा जरूरतमंदों को कम्युनिटी किचन से शुद्ध एवं भरपेट भोजन की व्यवस्था की जाए। उन्होंने बताया कि इसके अलावा मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि पृथक—वास केंद्र में उनके कौशल की जांच करते हुये उनका मोबाइल नम्बर एवं बैंक खाता संख्या सहित सम्पूर्ण विवरण संकलित किया जाए जिससे उनलोगों को रोजगार प्रदान करने में सुविधा होगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि घर में पृथक रहने वाले श्रमिकों को खाद्यान्न किट उपलब्ध कराई जाए तथा इस दौरान उन्हें एक हजार रुपए का भरण-पोषण भत्ता अवश्य उपलब्ध कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि यदि किसी कामगार/श्रमिक का बैंक खाता किन्हीं कारणों से निष्क्रिय हो गया हो तो प्रशासन सम्बन्धित बैंक शाखा से सम्पर्क करते हुए उन खातों को अविलम्ब सक्रिय कराएं ताकि भरण-पोषण भत्ते की धनराशि उनके खाते में भेजे जायें । अवस्थी ने बताया कि कोरोना वायरस के दृष्टिगत प्रदेश में लाॅकडाउन की अवधि में पुलिस विभाग द्वारा की गयी कार्यवाही में अब तक धारा 188 के तहत 58,436 लोगों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है । प्रदेश में अब तक 48,79,087 वाहनों की सघन जांच में 46,668 वाहन जब्त किये गये हैं । उन्होंने बताया कि जांच अभियान के दौरान 22,21,42,851 रूपए का शमन शुल्क वसूल किया गया है और आवश्यक सेवाओं के लिये कुल 2,66,817 वाहनों को परमिट जारी किये गये हैं। अधिकारी ने बताया कि मास्क न पहनने पर 13 हजार से अधिक लोगों का चालान किया गया है ।