लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से 29 और लोगों की मौत के साथ अब तक संक्रमण से मरने वालों की संख्या 7,877 हो गई जबकि इसी अवधि में राज्य में 1,985 नए संक्रमितों के पाये जाने के साथ इनकी संख्या बढ़कर 5,51,179 हो गई है। अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि वर्तमान में राज्य में 22,665 मरीजों का उपचार चल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक 5,20, 637 लोग संक्रमण से उबर चुके हैं और पिछले 24 घंटों में 2,247 लोगों को अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है।
प्रसाद के मुताबिक वर्तमान में राज्य में रिकवरी दर 94.46 प्रतिशत हो गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार पिछले 24 घंटे में हुई 29 मौतों में लखनऊ से पांच, जौनपुर से तीन, प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ, मुज़फ़्फरनगर और मैनपुरी, कानपुर देहात से दो-दो लोगों की मौत हुई है।
बुलेटिन के अनुसार पिछले 24 घंटे में मिले नये संक्रमितों में लखनऊ से सबसे ज्यादा 259 मामले सामने आए हैं जबकि इसके बाद मेरठ से 224, वाराणसी से 120 और गाज़ियाबाद से 117 नये संक्रमित मिले हैं। प्रसाद ने कहा कि बृहस्पतिवार को राज्य में 1.71 लाख से अधिक परीक्षण किए गए जबकि अब तक राज्य में कुल 1.99 करोड़ से अधिक परीक्षण किए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि कल ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वास्थ्य विभाग का ‘मेरा कोविड केन्द्र‘ ऐप लांच करेंगे। प्रसाद ने कहा कि राज्य में स्थिति नियंत्रण में है लेकिन सर्दी के मौसम के कारण मामले बढ़ सकते हैं। उन्होंने आवश्यक सावधानी बरतने की अपील की है।
वहीं राजधानी लखनऊ के अलावा गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, मेरठ और कानपुर जैसे कुछ जिलों में कोरोना के बढ़ते मामलों को गंभीरता से लेते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इन जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस प्रमुखों को कोविड-19 मामलों पर अंकुश लगाने के लिए उठाए जा रहे कदमों का उल्लेख करते हुए हलफनामा दाखिल करने का बुधवार को निर्देश दिया।
कोविड-19 से जुड़ी एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने कहा, “जहां तक ऊपर दिए गए जिलों का संबंध है, कोरोना के सक्रिय मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए यह स्पष्ट है कि पुलिस उतनी कार्रवाई नहीं कर रही है जितनी कार्रवाई आवश्यक है।”
अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि इन जिलों की सीमाओं पर चौकसी होनी चाहिए जिससे राज्य के अन्य जिलों और दूसरे राज्यों से इन जिलों में आने वाले लोगों की उचित जांच हो सके। अदालत ने कहा कि कोरोना से अधिक प्रभावित इन जिलों में चिकित्सा सुविधाएं बढ़ाई जायें। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 10 दिसंबर, 2020 तय की।