नई दिल्ली: इस समय लोकतंत्र के मंदिर में मानसून सत्र चल रहा है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह अंतिम मानसून सत्र है। यह सत्र बेहद ही हंगामेदार हो रहा है। विपक्ष सदन में मणिपुर के मुद्दे को लेकर सरकार और प्रधानमंत्री को घेर रहा है। विपक्ष की मांग है कि इस विषय पर विस्तार से चर्चा की जाए और पीएम ,मोदी इस पर अपना बयान दें, लेकिन सरकार ने यह मांग मानने से इनकार कर दिया। वहीं इसी बीच विपक्ष लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है। इसे कई विपक्ष की कई पार्टियों ने अपना समर्थन दिया है। वहीं एक ऐसी भी पार्टी है जो इस प्रस्ताव के खिलाफ लोकसभा में मोदी सरकार के साथ आ गई है।
यह अविश्वास प्रस्ताव देशहित में नहीं
आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) केंद्र सरकार के खिलाफ 'इंडिया' गठबंधन द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करेगी। वाईएसआरसीपी नेता वी. विजयसाई रेड्डी ने गुरुवार को घोषणा की है कि पार्टी केंद्र का समर्थन करेगी और प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करेगी। विजयसाई रेड्डी ने ट्वीट कर कहा, “अविश्वास प्रस्ताव लाने से देश को कैसे मदद मिलती है? मणिपुर और 2 शत्रु पड़ोसियों में अशांति के इस समय केंद्र सरकार को कमजोर करने की कोशिश करना राष्ट्रीय हित में नहीं है। यह एक साथ काम करने का समय है, एक-दूसरे के खिलाफ नहीं।''
लोकसभा में वाईएसआरसीपी के 22 सांसद
बता दें कि वाईएसआरसीपी के लोकसभा में 22 सांसद हैं। पिछले चार वर्षों के दौरान पार्टी ने प्रमुख विधेयकों को पारित करने के लिए संसद में केंद्र सरकार को समर्थन दिया है। गौरतलब है कि जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पार्टी विपक्षी गठबंधन 'INDIA' का हिस्सा नहीं है। माना जा रहा है कि विपक्ष का यह अविश्वास प्रस्ताव वोटिंग के दौरान गिर जाएगा, क्योंकि मौजूदा लोकसभा में बीजेपी को अकेले दम पर बहुमत हासिल है। बीजेपी के पास 301 सांसद हैं। अगर इसमें एनडीए के उसके सहयोगी दलों को जोड़ दें तो ये आंकड़ा 333 तक पहुंच जा रहा है। वहीं 'इंडिया' के पास केवल 142 सांसद हैं।