साल 2024 खत्म होने की कगार पर है और नए साल की तैयारी शुरू हो चुकी है। भारतीय राजनेता फिलहाल संसद में व्यस्त हैं, लेकिन कार्यकर्ता दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर चुके हैं। भारतीय राजनीति में इस साल कई अहम बदलाव देखने को मिले, जिनसे सीख लेते हुए सभी नेता आगे बढ़ना चाहेंगे। इस साल संसद में महिला के आरक्षण के लिए बिल पास हुआ, लेकिन कई महिला नेता ऐसी भी रहीं, जिन्होंने सदन के बाहर भी अपनी पहचान बनाई और भारतीय राजनीति में अपना कद बेहतर किया। यहां हम ऐसी ही पांच महिला नेताओं के बारे में बता रहे हैं।
कंगना रनौत
बॉलीवुड में कमाल करने के बाद कंगना रनौत ने राजनीति में भी अपना लोहा मनवाया और हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से सांसद बनीं। उन्होंने कांग्रेस के जाने-माने नेता विक्रमादित्य को हराया। इसके बाद भी वह अपने बयानों को लेकर चर्चा में बनी रहीं। कंगना बॉलीवुड की उन चुनिंदा अभिनेत्रियों में से एक हैं, जिन्होंने किसी बड़े स्टार के बिना अपने दम पर कई हिट फिल्में दी हैं। हालांकि, राजनीति में उनके आने पर कहा जा रहा था कि उनका बड़बोलापन उन पर भारी पड़ेगा, लेकिन कंगना सांसद बनने के बाद गंभीरता और समझदारी के साथ हर स्थिति को संभाला है। अब वह विवादों से दूर और जनता के करीब रहने की कोशिश कर रही हैं।
प्रियंका गांधी
भारतीय राजनीति में यह नाम नया नहीं है। लगभग चार दशक से प्रियंका गांधी के बारे में सभी जानते और सुनते आ रहे हैं। हालांकि, प्रियंका ने अब तक कोई चुनाव नहीं लड़ा था। यह साल खत्म होते-होते प्रियंका ने चुनाव लड़ा और वायनाड में भाई की विरासत संभाल ली। जब राहुल और प्रियंका साथ में संसद पहुंचे तो गांधी परिवार के लिए यह खास दिन था। लोकसभा चुनाव 2024 में विपक्षी दलों ने सत्ताधारी एनडीए गठबंधन को कड़ी टक्कर दी। इस गठबंधन की अगुआई कांग्रेस ने की और इसमें राहुल के साथ प्रियंका ने भी अहम योगदान दिया।
महुआ मोइत्रा
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने इस साल संसद में शानदार वापसी की और भारतीय राजनीति में चर्चा में बनी रहीं। मोइत्रा को पिछली संसद से निकाल दिया गया था। उन पर आरोप लगे थे कि उन्होंने संसद में सवाल पूछने के लिए अपना सदन का आईडी और पासवर्ड किसी के साथ शेयर किया है। इस वजह से उनकी सदस्यता समय से पहले ही रद्द कर दी गई थी। हालांकि, कंगना ने लोकसभा चुनाव 2024 में जीत दर्ज की और दोबारा सदन में पहुंचीं। इसके बाद उन्होंने जोरदार भाषण दिया और कहा कि उन्हें जबरन सदन से बाहर करने वालों के मुंह पर करारा तमाचा लगा है।
आतिशी सिंह
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी सिंह भी इस साल लगातार चर्चा में रही हैं। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद ऐसा लगा था कि आम आदमी पार्टी के लिए दिल्ली की सरकार चलाना मुश्किल होगा और पार्टी के नेता भी तितर बितर हो सकते हैं। ऐसे में पार्टी टूटने का भी डर था। हालांकि, आतिशी ने केजरीवाल की गैरमौजूदगी में दिल्ली में सरकार भी बखूबी चलाई और पार्टी को भी बचाए रखा। वह दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी हुई हैं और आगामी चुनाव तक उनके इसी पद पर रहने की उम्मीद है।
स्वाती मालीवाल
आतिशी की तरह स्वाती मालीवाल भी इस साल सुर्खियों में रहीं। हालांकि, यह उनके लिए कोई उपलब्धि नहीं, बल्कि मुश्किलों से भरा समय रहा। स्वाति मालीवाल लंबे समय से महिला आयोग की अध्यक्ष हैं। वह महिलाओं के हक के लिए आवाज उठाती रही हैं, लेकिन उनकी अपनी पार्टी के मुखिया के घर में उनसे मारपीट और बदसलूकी की गई। हालांकि, इस मुश्किल समय में स्वाति ने हार नहीं मानी। उन्होंने अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए और इस मामले पर जांच चल रही है।