साल 2024 भारतीय राजनीति में कई महत्वपूर्ण क्षतियों से भरा रहा है। इस साल कई दिग्गज नेता गुजर गए। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी और कम्यूनिस्ट नेता सीताराम येचुरी का निधन हो गया। वहीं, इस साल महाराष्ट्र में बाबा सिद्दीकी हत्या विशेष रूप से चौंकाने वाला थी। बाबा सिद्दीकी चार बार कांग्रेस से विधायक रहे, जिन्होंने बाद में एनसीपी ज्वाइन कर ली थी। 12 अक्टूबर 2024 को बाबा सिद्दीकी की मुंबई में गोली मारकर हत्या की गई थी। विधानसभा चुनाव से महाराष्ट्र की राजनीति से बड़ा नेता चला गया।
72 साल की उम्र में सीताराम येचुरी का निधन
इस साल एक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के दिग्गज नेता सीताराम येचुरी का भी निधन हो गया। येचुरी, जो पश्चिम बंगाल से राज्यसभा सांसद थे। अपनी पार्टी (CPIM) के महासचिव के रूप में कार्य कर चुके थे। 12 सितंबर 2024 को 72 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। राजनीति में उनका कार्यकाल, जिसमें 1992 से सीपीआई (एम) के पोलित ब्यूरो के सदस्य के रूप में शामिल होना शामिल था। येचुरी को वामपंथी नीतियों की वकालत और भारत में राजनीतिक विमर्श में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है।
इस साल 13 मई को सुशील कुमार मोदी का निधन
वहीं, बिहार की राजनीति में बड़ा चेहरा भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का इस साल निधन हो गया। साल 2005 से 2020 तक बिहार के शासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सुशील कुमार मोदी 13 मई 2024 को 72 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। वह कैंसर से पीड़ित थे। उनका जाना भाजपा और राज्य के राजनीतिक ढांचे के लिए एक झटका था।
कांग्रेस सरकार में विदेश मंत्री रहे नटवर सिंह का निधन
10 अगस्त 2024 को नटवर सिंह के निधन से कांग्रेस पार्टी को भी एक बड़ा झटका लगा। राजनीति में आने से पहले भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी के रूप में एक प्रतिष्ठित करियर रखने वाले नटवर सिंह ने पहली यूपीए सरकार में विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया। एक राजनयिक और राजनेता के रूप में उनके अनुभवों ने दशकों तक भारतीय राजनीतिक परिदृश्य को काफी समृद्ध किया।
बीआरएस के इस बड़े नेता का भी निधन
तेलंगाना राज्य आंदोलन ने 6 सितंबर 2024 को अपने एक प्रमुख नेता जिट्टा बालकृष्ण रेड्डी को खो दिया। 52 साल की उम्र में भारत राष्ट्र समिति (BRS) के नेता और पूर्व टीआरएस युवा कार्यकर्ता का तेलंगाना राज्य के लिए योगदान अमूल्य था। रेड्डी का असामयिक निधन उनकी पार्टी और उनके द्वारा चलाए गए आंदोलन के लिए एक झटका था।
हमेशा के लिए हो गया खालीपन
साल 2024 में इन दिग्गज नेताओं के निधन से राजनीतिक गलियारों में एक खालीपन बना हुआ है। इन सभी नेताओं ने जनता के बीच कई सराहनीय काम किए। इस साल जान गंवाने वाले नेताओं ने अपने विशिष्ट योगदान और विचारधाराओं के साथ अपने-अपने क्षेत्रों और पूरे देश के राजनीतिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन सभी नेताओं का स्मरण भारतीय राजनीति में आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करती रहेंगी।