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Year Ender 2023 : देश के टॉप 10 राजनेता जिन्होंने इस साल बटोरीं सुर्खियां

Year Ender 2023 : वर्ष 2023 अब अपने आखिरी चरण में है, वहीं 2024 का आगाज होनेवाला है। 2023 में देश की कई राजनीतिक हस्तियों ने सुर्खियां बटोरीं। इस लेख में हम इनके बारे में जानने की कोशिश करेंगे।

Written By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Updated on: December 28, 2023 16:52 IST
देश के टॉप 10 राजनेता...- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV देश के टॉप 10 राजनेता जिन्होंने इस साल बटोरीं सुर्खियां

Year Ender 2023 :: नया वर्ष 2024 वक्त की दहलीज पर दस्तकें दे रहा है। यह साल आम चुनाव का है। इस चुनाव में यह फैसला होना है कि देश की जनता अपना नेतृत्व किसके हाथ में सौंपती है। 2024 में कोई बदलाव होगा, नया नेतृत्व उभरकर सामने आएगा या फिर जनता पिछले कामकाज पर मुहर लगाएगी? ऐसे सभी सवालों के जवाब 2024 के आम चुनाव परिणामों में मिल जाएंगे। लेकिन इस लेख में हम बीतते साल पर  एक नजर डालने की कोशिश करेंगे। यह जानने का प्रयास करेंगे कि वर्ष 2023 में देश के किन नेताओं ने सुर्खियां बटोरीं। इस लेख में देश के टॉप 10 नेताओं की चर्चा करेंगे जो सुर्खियों में रहे। 

नरेद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी लोकप्रियता के पायदान पर लगातार आगे बढ़ते जा रहे हैं। इस साल जी-20 शिखर सम्मेलन का नई दिल्ली में सफल आयोजन हुआ। इसकी सफलता ने वर्ल्ड लीडर्स में मोदी की एक अलग पहचान कायम की है। वहीं इस साल के अंत में संपन्न पांच राज्यों के चुनाव में तीन राज्यों में बीजेपी ने परचम लहरा दिया। बीजेपी इस सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी के करिश्माई नेतृत्व और व्यक्तित्व को दे रही है। मध्य प्रदेश में जहां पार्टी ने प्रचंड बहुमत हासिल कर अपनी सत्ता बरकरार रखी वहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया। 2024 में होनेवाले लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी को मिली यह बंपर जीत काफी अहम है। हाल में मॉर्निंग कंसल्ट की अप्रूवल रेटिंग में नरेंद्र मोदी अव्वल रहे। वे दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता हैं। 

Narendra Modi

Image Source : PTI
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2023 के जनवरी में अपनी भारत यात्रा का समापन किया। सितंबर 2022 में शुरू हुई यह यात्रा श्रीनगर में समाप्त हुई। राहुल ने इस यात्रा से प्राप्त अनुभव को संसद की कार्यवाही के दौरान भी शेयर किया था। इसके साथ ही वे प्रधानमंत्री मोदी पर डायरेक्ट अटैक करते रहे। खासतौर से बार-बार उन्होंने गौतम अडानी का नाम लेते हुए पीएम मोदी पर सवाल उठाने की कोशिश की। वहीं राहुल को संसद की सदस्यता भी गंवानी पड़ी और फिर बाद में अदालत से उन्हें राहत भी मिली। साल के अंत में संपन्न विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी उन्होंने गौतम अडानी और पीएम मोदी का नाम करीब हरेक मंच पर लिया। हालांकि चुनाव में उन्हें सिर्फ तेलंगाना में सफलता मिली जबकि राजस्थान और छत्तीसगढ़ उनके हाथों से निकल गया।

नीतीश कुमार

 एक जुमला है कि 'बिहार में बहार और नीतीशे कुमार' है। 2005 के बाद से बिहार की सत्ता पर कायम नीतीश कुमार इस साल भी सुर्खियों में रहे। कभी एनडीए तो कभी महागठबंधन.. लगातार अपनी निष्ठा बदलते रहने के कारण उनकी राजनीतिक छवि पर असर पड़ा है। हालांकि 2024 चुनाव के लिए महागठबंधन बनाने की पहल नीतीश ने 2022 में ही शुरू कर दी थी, जब वह एनडीए से अलग हुए थे। हालांकि उन्हें एनडीए का संयोजक पद अभी तक नहीं मिल पाया है।  नीतीश कुमार ने बिहार में जातीय जनगणना कराया और इसपर देश की राजनीति केंद्रित करने का प्रयास भी कर रहे हैं। लेकिन बिहार विधानसभा में जिस तरह से जनसंख्या नियंत्रण पर उन्होंने बयान दिया उससे काफी बवाल मचा और बाद में उन्हें माफी भी मांगनी पड़ी। इसके बाद दूसरे ही दिन सदन में वे जीतन राम मांझी पर बिफर पड़े और तू-तड़ाक कर दिया। 

Nitish kumar, Bihar

Image Source : PTI
नीतीश कुमार, सीएम, बिहार

योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस साल खूब सुर्खियां बटोरीं। इस साल भी उनका बुलडोजर एक्शन जारी रहा। फरवरी 2023 में प्रयागराज में हुए उमेश पाल मर्डर केस के बाद विधानसभा में जो उन्होंने बयान दिया था, उसकी गूंज अभी तक कायम है। उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद का नाम सामने आया। विधानसभा में हंगामे के दौरान योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि इस माफिया को मिट्टी में मिलाने का काम उनकी सरकार करेगी। धीरे-धीरे अतीक और उसके गुर्गों पर योगी सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया। उमेश पाल हत्याकांड में शामिल अतीक का बेटा पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। बाद में पुलिस हिरासत में मेडिकल जांच के लिए जाते समय अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई। 

अजीत पवार

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता अजीत पवार ने अपने राजनीतिक गुरु और चाचा से बगावत कर एनडीए का दामन थाम लिया और महाराष्ट्र में डिप्टी सीएम बन गए। इतना ही उन्होंने एनसीपी पार्टी पर भी दावा ठोक दिया। ऐसा नहीं है कि अजीत पवार ने पहली बार बगावत की है। 2019 में भी अजीत पवार ने बगावत कर बीजेपी से हाथ मिला लिया था। उस वक्त देवेंद्र फडणवीस ने सीएम और अजीत पवार ने डिप्टी सीएम की शपथ ली थी लेकिन पर्याप्त विधायकों का समर्थन नहीं मिल पाने के चलते उन्हें अपने कदम वापस लेने पड़े थे।

महुआ मोइत्रा

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा भी इस साल खूब सुर्खियों में रहीं। पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में लोकसभा की एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट की सिफारिश के आधार पर उनकी संसद की सदस्यता रद्द कर दी गई है। हालांकि इस दौरान संसद में खूब हंगामा हुआ। दरअसल महुआ पर आरोप है कि उन्होंने दर्शन हीरानंदानी नाम के कारोबारी से रिश्वत लेकर अडानी ग्रुप और पीएम मोदी को निशाना बनाने वाले सवाल पूछे। महुआ सांसदी जाने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं। 

शिवराज सिंह चौहान

मध्य प्रदेश में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री का पद संभालनेवाले शिवराज सिंह चौहान की अब सीएम पद से छुट्टी हो गई है। वे जनता के बीच मामा के नाम से लोकप्रिय हैं। उनकी सरकार चलाई गई लाडली लक्ष्मी योजना काफी लोकप्रिय रही. विधानसभा चुनावों में बंपर जीत के बाद पार्टी ने नए शख्स के हाथों में राज्य का नेतृत्व सौंपने का फैसला लिया और शिवराज को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा है। हालांकि उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पार्टी जो भी जिम्मेदारी उन्हें देगी वे उसे पूरी निष्ठा से निभाएंगे।

Shivraj singh chouhan

Image Source : PTI
शिवराज सिंह चौहान, पूर्व सीएम, मध्य प्रदेश

मोहन यादव

मोहन यादव राष्ट्रीय राजनीति में एक अनजान चेहरा थे। वह शिवराज सिंह की सरकार में मंत्री रहे। विधानसभा चुनावों में पार्टी की बंपर जीत के बाद विधायक दल की मीटिंग में मोहन यादव को नेता चुन लिया गया। शिवराज की जगह अब उन्होंने मुख्यमंत्री का पद संभाल लिया है।

भजनलाल शर्मा

जयपुर में विधायक दल की मीटिंग के बाद  भजनलाल शर्मा रातों रात सुर्खियों में आ गए। उस मीटिंग में उन्हें विधायक दल का नेता चुन लिया गया। वे पहली बार विधानसभा के लिए चुनकर आए हैं। तमाम दिग्गज नेताओं के मौजूदगी के बीच पार्टी ने उन्हें सीएम के लिए चुना। अपने जन्मदिन के दिन 15 दिसंबर को उन्होंने सीएम पद की शपथ ली।

विष्णुदेव साय

छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने विष्णुदेव साय को सीएम बनाया। विधायक दल की मीटिंग में उन्हें नेता चुना गया। वे आदिवासी वर्ग से आते हैं। छत्तीसगढ़ में आदिवासियों बहुतायत हैं। इसलिए पार्टी ने इस बार विष्णुदेव साय को सीएम बनाया है। 

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